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फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाना छत्तीसगढ़ में है मुमकिन, हुई शिकायत, जांच की मांग सुर्खिया बटोर रही

कूटरचित दस्तावेज के आधार पर स्टाफ नर्स की नौकरी प्राप्त की, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से हुई शिकायत…

शिकायतकर्ता के शिकायत का जांच कर दोषी के विरूद्ध दाण्डिक कार्यवाही करते हुये सेवा मुक्त किये जाने की मांग आज सुर्खिया बटोर रही है…

भारत सम्मान, सरगुजा – फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाना छत्तीसगढ़ में मुमकिन सा हो गया है जहां एक तरफ एक विशेष वर्ग के युवाओं द्वारा नग्न अवस्था में रैली निकालकर फर्जी तरीके से छत्तीसगढ़ शासन के कई पदों पर नौकरी प्राप्त करके सालों से शासन के योजनाओं का लाभ उठा रहे लोगों का विरोध दर्ज कराया गया। ताकि विशेष वर्ग के लोगों को ही लाभ मिल सके।

उक्त घटनाक्रम के कुछ दिन ही बीते हैं कि छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों से फर्जी तरीके से नौकरी में जमे रहने का ढेरों किस्से सामने आ रहे हैं, उसी तारतम्य में सरगुजा संभाग के जिला सूरजपुर में पदस्थ स्टाफ नर्स के फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त कर लिया गया है ऐसी शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरजपुर को दी गई, जिसमें स्पष्ट रूप से हुए धोखाधड़ी का उल्लेख किया गया है। इस शिकायत पत्र की हुबहू कंडिका क्रमांक 1 से लेकर 6 तक प्रस्तुत किया जा रहा है।

01. यह कि अनावेदिका एक रिफ्यूजी बंगलादेशी है जो भारत वर्ष मे शरणार्थी बनकर ग्राम बुलगांव रामानुजगंज, जिला सरगुजा (छ.ग.) मे निवासरत थी।

02. यह कि वर्ष 1986 मे स्टाफ नर्स की पद भर्ती हेतु मांग पत्र जारी किया गया था, जिस मांग के आधार पर आरोपिया द्वारा अपना शिक्षा प्रमाण पत्रों को कुटरचना के तहत तैयार किया जा कर उक्त नौकरी को प्राप्त कर वर्तमान समय तक स्टाफ नर्स के पद पर जिला चिकित्सालय सूरजपुर मे पदस्थ है।

03. यह कि स्टाफ नर्स के पद पर भर्ती हेतु शासन द्वारा शैक्षणिक योग्यता 8 वीं निर्धारित की गई। थी, किन्तु अनावेदिका आठवीं का पढ़ाई किस स्कूल से की है पता नही है और हायर सेकेण्ड्री परीक्षा उत्तीर्ण का होना आवश्यक किया गया था, किन्तु वर्ष 1986 में ओल्ड हायर सेकेण्ड्री समाप्त किया जा कर 10+2 = 12 वी शासन द्वारा लागू कर दिया गया था, किन्तु आरोपिया द्वारा कूटरचित शैक्षणिक प्रमाण ओल्ड हायर सेकेण्ड्री का अंकसूची प्रस्तुत किया गया है। जबकि आरोपिया का नौकरी वर्ष 1986 हैं, हायर सेकेण्ड्री प्रमाण पत्र वर्ष 1987 का संलग्न कर शासन को धोखे में रख कर षड्यंत्र पूर्वक नौकरी प्राप्त की है जो विधि व नियम से विरूद्ध है।

04. यह कि अनावेदिका द्वारा इसी तरह प्रमाणीकरण फार्म पर भी अपना निवास स्थान व जन्म तिथि को लीपा पोती कर दिया गया है तथा अपने को एस.सी. वर्ग का सदस्य बताया गया है, जबकि बगलादेश से आये शरणार्थीयों को कोई एस.सी. वर्ग मे मान्यता नही दिया गया है, और न ही कही किसी पद पर आरक्षित ही किया गया है। अस्तु अनावेदिका द्वारा अपने आपको एस.सी. वर्ग का सदस्य बता कर अवैध रूप से नौकरी प्राप्त की है। जिससे भारत वर्ष सरगुजा के निवासियों को जो लाभ मिलना चाहिए उसे रौदते हुये स्वयं अनावेदिका द्वारा स्टाफ नर्स के पद पर नौकरी किया जा रहा है।

05. यह कि उक्त पत्र के साथ कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किया जा रहा है जिसके अवलोकन से दूध का दूध और पानी का पानी हो जावेगा, ऐसी स्थिति मे शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र पर गहराई से जांच करते हुये गलत पाये जाने पर तत्काल सेवा मुक्त करते हुये दण्डित किये जाने की कार्यवाही किया जाना आवश्यक होगा, जिससे इस तरह की वारदात की पुनरावृत्ती न हो सके, जिससे किसी के अधिकार का हनन हो।

06. यह कि पूर्व माध्यमिक परीक्षा वर्ष 1982 के अंकसूची मे अनावेदिका का नाम रेवारानी बाल आ. नन्दकुमार बाल अंकित है जबकि हॉयर सेकेण्डरी स्कूल सर्टीफिकेट म.प्र. भोपाल के अंकसूची मे अनावेदिका का नाम रेवा बल आ. नन्द कुमार बल अंकित है। जिसमे रानी अंकित नही है तथा उक्त मार्कशीट पूर्णतः कम्प्यूटराईज्ड है जिसमें जन्म तिथि के कॉलम पर अपने हाथो से छेड़ खानी किया गया है जो जांच का विषय वस्तु है। साथ ही अनावेदिका के पति तपन लस्कर के द्वारा रविन्द्रनगर निवासी सिदाम मण्डल को शासन से प्राप्त मद की भूमि का 66 डिसमिल क्रय किया था, साथ ही सिदाम मण्डल की मृत्यु पश्चात आरोपिया द्वारा सिदाम मण्डल की शेष भूमि को अपने नाम दर्ज कराने के लिये अपने पिता का नाम सिदाम मण्डल बताकर सहखातेदार के रूप में सफल हो गई, जो पूर्णतः धोखा धड़ी है। ऐसी स्थिति मे अनावेदिका पूर्णतः चालबाज महिला है जिसका जांच किया जाना आवश्यक हो गया है।

अनावेदिका के विरुद्ध पूर्व में भी हुई थी अन्य मामले में शिकायत जांच अभी भी लंबित

बंगाली समुदाय के जानकार इस जाति के बारे में क्या कहते हैं…

हमारे समुदाय में बाला ओबीसी वर्ग में शामिल किया गया है, जिसके आधार पर छत्तीसगढ़ में आरक्षण मिलता है, पर बाल या बल किसी वर्ग में शामिल नहीं है, अर्थात सामान्य वर्ग में आएगा।

अब देखना यह उचित यह होगा कि कार्यवाही कब होती है? और कार्यवाही में क्या होता है? या जांच के नाम पर इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल sc.st.obc वर्ग लोगों के आरक्षण के साथ छलावा किया जाएगा।

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