जमीन हड़पने की नीयत से तहसील दूधमनिहा में चाची के द्वारा भतीजे पर लगाए जा रहे कई आरोप, जांच में जुटी पुलिस…
भारत सम्मान, सिंगरौली/मध्य प्रदेश – इस कहावत की बानगी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 540 किलोमीटर संभागीय मुख्यालय रीवा के अंतर्गत सिंगरौली जिला के चितरंगी मे देखने को मिली है।
सिंगरौली मध्य प्रदेश तहसील दूधमनिया चितरंगी के अंतर्गत ग्राम बगिया निवासी शीतल राम तिवारी के पुत्र आवेदक रामभवन तिवारी के द्वारा कई बार न्यायालय तहसील पुलिस अधीक्षक को आवेदन पत्र दिया गया है और बताया गया है कि मेरे पिता के 6 पुत्र थे जिनका हिस्सा बंटवारा किया गया था जिस राम भवन तिवारी को बहुत ही कम जमीन दी गई जो शासन के नियमों के खिलाफ जाता है संभवत बटवारी की भूमि बराबर बराबर बांटी जाती है परंतु आरोपी मायापति, राम प्रताप तिवारी के द्वारा कर्तव्य स्थल पर आने वाले अधिकारियों को डरा धमका कर दबाव देकर अपने पक्ष में दस्तावेज संपादित कर लिया जाता था।
आवेदक के पुत्र विजय तिवारी के द्वारा पूर्व में पुलिस अधीक्षक सिंगरौली को लिखित आवेदन पत्र देकर न्यायिक जांच की मांग की थी और उचित कार्यवाही कर बराबर-बराबर जमीन की मांग की थी पिता के भाई की पत्नी के द्वारा फर्जी रूप से थाने में जाकर के झूठा शिकायत पत्र प्रस्तुत किया जाता है, और दबाव बनाकर जमीन हड़पने की साजिश की जा रही है पूर्व में माया तिवारी के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी चितरंगी के कार्यालय में जाकर आवेदक राम भवन तिवारी के बन रहे मकान पर स्टे लिया।
अनुविभागीय अधिकारी चितरंगी के द्वारा बन रहे निर्माण को चार तारीख तक रोकने के आदेश दिए गए साथ-साथ संबंधित पटवारी को निर्देशित किया गया उक्त भूमि की जांच कराई जाए हल्का पटवारी के द्वारा उक्त भूमि की जांच करने पर यह पाया गया कि माया तिवारी के द्वारा लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं, पटवारी के जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिस भूमि पर मकान निर्माण कराया जा रहा है वह भूमि राम भवन तिवारी की जमीन बताई जा रही है वहीं आवेदक राम भवन तिवारी के पुत्र के द्वारा आरोप लगाया गया है कि मेरे पिता को बरगला कर कम पढ़े-लिखे का फायदा उठाकर कई जगह सहमत पत्र में हस्ताक्षर करवा लिए गए और मुझे कम जमीन दी गई। जिस पर अधिकारी चितरंगी के यहां पर मामला विचाराधीन है।
आरोपी माया तिवारी के द्वारा लगातार उसे भूमि पर कब्जा करने के लिए तरह-तरह के क्रियाकलाप किए जाते हैं कभी वह थाने पहुंचकर राम भवन तिवारी एवं उनके परिवार के खिलाफ आवेदन देती हैं तो कभी कोर्ट पहुंचकर बन रहे घर को रोकने की कोशिश करती हैं। वही विजय तिवारी का कहना है जल्द से जल्द जांच ना की गई तो आवेदक विजय तिवारी संभागीय मुख्यालय रीवा में आवरण अनशन के लिए मजबूर होंगे अब देखना यह है कि प्रशासन आवेदन पत्रों की सूक्ष्मता से जांच करता है या सिर्फ लीपापोती कर अपना बचाव करता है।
आवेदक का कहना यह है कि संबंधित विवादित भूमिका का पुराना पुली पाठ निरस्त कराकर नया फुली फैट कराया जाए और सभी जमीन को सामान सामान बांटा जाए आरोपी गणों के द्वारा जमीन को अपने निजी स्वार्थ वास ज्यादा ज्यादा लेकर आवेदक को काम में जमीन देकर उसके साथ मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ना एवं यातनाएं दे रहे हैं आज जब सैंया कोतवाल तो डर काहे का इस कहावत की बानगी देखने को मिली है।