भारी वाहन की चपेट में आने से हुई थी तीन की मौत,जांच में सी गगन ट्रांसपोर्ट के ट्रेलर से दुर्घटना की हुई पुष्टि
सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान से दुर्घटना कारित टेलर वाहन और मालिक की हुई शिनाख्त।
महीनों गुजर जाने के बाद भी ट्रेलर वाहन और आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर।
भारत सम्मान/रायगढ़। कैलाश आचार्य:- एक आम इंसान जहा इंसाफ की आस लगाए पुलिस प्रशासन पर भरोसा जताता है।वही पुलिस अगर शिकायत के महीनों बाद भी मूकदर्शक तमाशबीन बने रहे तो आखिर आम इंसान इंसाफ के लिए किसके समक्ष गुहार लगाएगा। ऐसा ही एक मामला खरसिया थाने में देखने को मिल रहा है। जहा पीड़ित के शिकायत उपरांत भी 7 महीनो बाद न तो पुलिस ने मामले में दुर्घटना करने वाले आरोपी वाहन चालक को अपनी गिरफ्त में लिया।और न ही वाहन की जपति हो सकी है। बताना लाजमी होगा कि इस संबंध में प्रार्थी द्वारा पुलिस अधीक्षक से भी अपनी लिखित शिकायत की है।
पीड़ित की शिकायत अनुसार लगभग 7 माह पूर्व कोरबा जिला निवासी बहादुर सिंह अघरिया अपने पुत्र घसियाराम अघरिया एवम रूपेंद्र राठिया एवम अपने दो भतीजों रूप सिंह अघरिया,नारायण अघरिया एवम उसका साथी धूनेश्वर राठिया के साथ दो अलग अलग मोटर साइकल से ग्राम बरगढ़ शिवलिंग में जलाभिषेक के लिए जा रहे थे।जहा वापसी के दौरान रूपसिंह राठिया द्वारा चलाए जा रहे दो पहिया वाहन को एक सीमेंट खंभा लोड वाहन द्वारा पीछे से आकर ठोकर मार दी गई।इस भीषण दुर्घटना में रूपसिंह,रूपनारायण व भुवनेश्वर राठिया की मौत हो गई।शिकायतकर्ता ने अपने लिखित आवेदन में बताया कि उसके द्वारा उक्त सीमेंट खंभा लोड वाहन की पहचान वाहन क्रमांक सी जी 07सी ए 5723 के रूप में किया गया।जिसकी पुष्टि सी सी टीवी के माध्यम से भी की गई।बावजूद इसके खरसिया पुलिस द्वारा आज पर्यंत तक इस मामले में कोई कारवाई नही की जा सकी है।
राजनीतिक रसूख कार्यवाही पर पड़ रही भारी…
गौरतलब हो कि जब इस संबंध में शिकायतकर्ता के अनुसार जब उसने मामले के विवेचक से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उनका जवाब भी बड़ा चौकाने वाला मिला।जहा विवेचक द्वारा वाहन मालिक से इस संबंध में महज बात करने की बात तो कही गई।परंतु वाहन मालिक द्वारा वाहन थाने में न लाने की बात कहकर राजनीतिक रसूख का भी हवाला दिया जा रहा है।बहरहाल पीड़ित पक्ष की माने तो खरसिया पुलिस से उसे वाहन मार्ग में चलते दिखने पर जप्त करने की बात कही जा रही है।बहरहाल अब इन परिस्थियो में निराश परिजनों द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है।बावजूद इसके महीने गुजर जाने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन का मौनव्रत समझ से परे है।