फर्जी रकबा बढ़ाने के मामले में फंसे अपेक्स बैंक मैनेजर सी०एल० पात्रे…
◆ तात्कालिक मंडी प्रबंधक प्रह्लाद बेहरा के सुपुत्र सुभाष बेहरा की भूमिका भी सवालो के घेरे में…
रायगढ़। केसीसी लोन निकालने के लिए समिति का ही लिमिट बढ़ाने के मामले में अब लैलूंगा अपेक्स बैंक ब्रांच मैनेजर भी फंस गए हैं। सहकारिता विभाग ने उनके विरुद्ध जांच के आदेश दिए हैं। ऐसा कुछ और समितियों में होने की आशंका जताई गई थी लेकिन अपेक्स बैंक ने जांच ही नहीं की। यह मामला बेहद गंभीर है।
लैलूंगा ब्लॉॅक की समितियों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी होने के बावजूद अपेक्स बैंक ने इस पर नियंत्रण नहीं किया। इसी का नतीजा है कि बैंक की सहायता से ही लैलूंगा समिति में लोन गबन कर लिया गया। केसीसी लोन निकालने के लिए किसानों का रकबा फर्जी तरीके से बढ़ा दिया गया। सॉफ्टवेयर में रकबा बढ़ा देने से समिति का कुल रकबा बढ़ गया। इसके बाद अपेक्स बैंक के लैलूंगा ब्रांच में ही समिति की क्रेडिट लिमिट बढ़ा दी गई।
इस मामले में लैलूंगा के तत्कालीन प्रबंधक प्रहलाद बेहरा के सुपुत्र सुभाष बेहरा की भूमिका भी सामने आई थी जिसमे बिना रकबा सत्यापन के ब्रांच मैनेजर ने कई समितियों की क्रेडिट लिमिट बढ़ा दी।
लैलूंगा में रैंडमली जांच की गई तो 12 किसानों का रकबा गलत तरीके से बढ़ा दिया गया था। इसके आधार पर नकद लोन भी ले लिया गया। गड़बड़ी सामने आई तो सहकारिता विभाग ने ब्रांच मैनेजर सीएल पात्रे के विरुद्ध जांच के आदेश दिए। जानकारी मिली है कि अपेक्स बैंक प्रबंधन इसकी जांच कर रहा है, जो तीन महीने से चल रही है।