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वन विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह आतंक के साए में लोग

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कोतमा बिजुरी। हमारे प्रतिनिधि अमित कुमार बैस /वन विभाग अमलो के रात्रि में मुस्तैद होने के बाद भी लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मध्यप्रदेश वन विभाग शासन के वनमंड़ल अनूपपुर के वन परिक्षेत्र कोतमा एवं बिजुरी के जंगल से सटे नगर डोला के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 10, 11 के रहवासी लोग भय के साए में जीने को मजबूर हैं, जहां वन्यप्राणी भालूओ के द्वारा मचाए जा रहे आतंक की वजह से विगत बीते 03 माह से रहवासी जन परेशान हैं। यहां लोगों का रात्रि के समय जीना दुश्वार सा हो गया है। क्योंकि रात्रि होते ही भालूओं का आतंक शुरू हो जाता है। जो यहां के रहवासियों के घरों में बने ऊंची दीवारों पर चढ़कर घरों में लगे एलबेस्टर सीट, दरवाजे व खिड़कियों को तोड़ कर किचन तक घुस जा रहे हैं। लोगों के घरों के साथ साथ रखें जरूरत के लिए अनाज को भी नुकसान कर दे रहें। 

*भालू के काटने से एक महिला का अब तक चल रहा जिला शासकीय अस्पताल में इलाज*

वहीं इस बारे में लोगों का मानना है कि जिस प्रकार से वन्यप्राणी भालूओं ने आतंक मचाया हुआ है इससे सभी दहशत में हैं। इतना ही नहीं की भालू केवल सामग्री या घरों को नुकसान पहुंचा रहे, बल्कि बीते कुछ दिनों पूर्व एक महिला को भी घर के भीतर घुस कर काट डाला, जो अभी भी अनूपपुर जिले के जिला शासकीय अस्पताल में इलाजरत है। वहीं लोगों ने बताया कि यह वन परिक्षेत्र कोतमा एवं बिजुरी दोनों से जुड़ा है और इसके कुछ दूरी के बाद छत्तीसगढ़ राज्य का वनमंड़ल मनेन्द्रगढ़ भी नजदीक है, जिसका वन परिक्षेत्र भी इस जंगल से जुड़ा हुआ है। जहां तक इन भालूओं का आवागमन निशदिन बना रहता है। 

*जिला कलेक्टर एवं वन विभाग से लोगों की गुहार* 

लोगों का कहना यह भी है कि वन अमला भालूओं को भगाने के प्रयास में पटाखे भी फोड़ते हैं, बावजूद वन्य प्राणी भालू अपने मदमस्त चाल में चलते हुए जाते हैं। जिस वजह से लोगों की वनविभाग और जिला कलेक्टर से गुहार है कि जल्द ही अब इन भालुओं को रेस्क्यू करवा कहीं और भिजवा देना चाहिए, जिससे जो खतरा यहां लोगों पर बना हुआ है उससे निजात मिल सके। आपको मालूम हो कि वन परिक्षेत्र कोतमा एवं बिजुरी अंतर्गत दो वन परिक्षेत्र तथा लगभग 10 से 12 सर्किल होंगे इसके बाद भी आतंकी भालुओं के प्रकोप से भयभीत लोगों की सुरक्षा कर पाने में वनमंड़ल अनूपपुर असहाय नजर आ रहा। जबकि वनमंड़ल अनूपपुर के आलाधिकारियों को इस दिशा में जल्द कोई ठोस कदम उठाया जाना चाहिए, लेकिन ना जाने क्यों विभागीय अधिकारी जन बेसुध पड़े हुए हैं। आखिर वनमंड़ल अनूपपुर किस तरह की घटना के इंतजार में हैं।

पीड़ित रहवासियों का कहना –

लगभग विगत 3 माह से भालू किसी ना किसी मुहल्ले वासियों के घर के भीतर या बाड़ी में घुस जा रहें, वन अमला भी चौकसी करता है फिर भी भालू आतंक मचाए हुए हैं।

बाइट –पवन कुमार कश्यप, पीड़ित, नगर डोला

भालूओं के हर रोज आने से हम सभी डर के साए में जी रहे हैं,अंधेरा होने के बाद अपने ही घर या‌ मुहल्ले में आने जाने में असुरक्षित महसूस होता है। हमारी वन विभाग एवं जिला कलेक्टर से गुहार है कि जल्द इस बड़ी आफत से छुटकारा दिलाए ताकि सभी बेखौफ हो सकें।

बाइट–बिजेन्द्र कुमार रजक, पड़ोसी, नगर डोला

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