भारत

बीईओ कार्यालय लैलूंगा में 3 करोड़ के एरियस भुगतान में बाबुओं की मिलीभगत से व्यापक भ्रष्टाचार मामले में लीपापोती…

◆ मामले में शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध?…

लैलूंगा–छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षक संवर्ग की बहु प्रतिक्षित मांग अनुरूप , शिक्षक ,सहायक शिक्षक एव व्याख्याता एल बी के पुनरीक्षित एवं समयमान वेतनमान के बचे हुए वेतन की अंतर राशि हेतु जिला पंचायत रायगढ़ एव जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ के माध्यम से राशि जारी कर आबंटन, विकास खंड शिक्षाधिकारी को माह फरवरी एवं मार्च 2023 में उपलब्ध करा दिया गया था, साथ ही एरियस प्रदान करने के संबंध में गाइड लाइन भी जारी की गई थी जिसके आधार पर एरियस का भुगतान होना था।

नियमानुसार एरियश राशि की गणना कार्यालय स्तर पर करते हुए,सेवा पुस्तिका स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय रायगढ़ से जांच उपरांत , एरियर का भुगतान करना था,परंतु विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय लैलूंगा में पदस्थ लिपिक टीकाराम नायक एवं मुरलीधर पटेल के द्वारा , एरियस राशि की गणना कार्यालय स्तर पर नही की गई , एव शिक्षक संवर्ग को स्वयं गणना पत्रक जमा करने के मौखिक निर्देश दिए गए,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लैलूंगा को भी गुमराह किया गया, विकास खंड शिक्षा अधिकारी एन लकड़ा ने भी इस कार्य में पूर्ण सहयोग किया।

वास्तविक एरियस की पात्रता रखने वाले शिक्षक संवर्ग को हटाकर , अपात्र शिक्षकों को 3 लाख से लेकर 15 लाख तक एरियर राशि जारी कर दी, साथ ही विकास खंड लैलूंगा के विभिन्न हायर सेकेंडरी आहरण संवितरण अधिकारियों से भी एरियस राशि का मांग पत्र प्राप्त किए बिना ही अपने चहेतों से प्राप्त एरियस, गणना पत्रक के आधार पर प्राचार्य को राशि भुगतान हेतु जारी करवा दी गई। शासन से स्पष्ट आदेश होने के बाद भी प्रतिबंधित, वेंटेज काल्पनिक राशि का एरियस भी वास्तविक में प्रदान कर दिया गया, बदले में 20 से 40 प्रतिशत की रकम वसूली होने की दबी जबान से शिक्षक चर्चा भी कर रहे हैं ।

राशि प्रदान करने के बाद आज पर्यंत सेवा पुस्तिका में भुगतान की प्रविष्टि नही की गई है। बहुत से शिक्षकों को महंगाई भत्ता का भी अंतर राशि प्रदान कर दिया गया है जो की प्रतिबंधित था। वास्तविक एरियस की पात्रता रखने वाले शिक्षक आज पर्यंत विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय लैलूंगा के चक्कर काट रहे हैं परंतु उन्हें देने वाला कोई नहीं है। शिक्षकों की माने तो ये दोनो लिपिक का व्यवहार शिक्षकों से बहुत ही खराब है, स्थापना शाखा लिपिक जहां सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि हेतु सह अन्य कार्यों हेतु भारी मात्रा में अवैध वसूली करता है ऐसे ही लेखा शाखा लिपिक सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को विभिन्न राशि प्रदान करने , पेंशन भुगतान करने में भी व्यापक पैमाने पर वसूली की शिकायत प्राप्त होते रहती हैं, एन लकड़ा विकास खंड शिक्षा अधिकारी लैलूंगा का इन दोनो लिपिकों पर वरद हस्त है, तभी व्यापक पैमाने पर शिकायतों के बाद भी इन लिपिकों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है।

अब देखना ये है की विधान सभा चुनाव नजदीक हैं और वास्तविक पात्रता रखने वाले शिक्षक संवर्ग एरियस राशि से वंचित है साथ ही अपात्रों को भुगतान की गई रकम की वसूली शासन हित में कब तक की जावेगी सह स्थापना शाखा प्रभारी लिपिक मुरलीधर पटेल सहायक ग्रेड 3 और टीकाराम नायक सहायक ग्रेड 2 पर क्या शासन कार्यवाही करता है या इनको शासन संरक्षण देगा। जानकारी मिली है कि मामले में अधिकतर एरियस की राशि शिक्षाकर्मी संघ के जिम्मेदार पदाधिकारी की बताई जा रही है वहीं कुछ दिन पहले खबर प्रकाशित होने के बाद यह मामला खूब सुर्खियां बटोरी थी परंतु एकाएक सुर्खियां से यह सनसनीखेज कारनामा का खबरों की दुनिया से गायब होना कई सवाल पैदा कर रही है।

Bharat Samman

Related Articles

Back to top button