रायगढ़

रायगढ़ लोकसभा से कोंग्रेस उम्मीदवार हो सकते है धनुर्जय भगत…

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रायगढ़। एक ओर जहां पहले ही बीजेपी ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य राधेश्याम राठिया को रायगढ़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस मुकाबिल तोप की तलाश में जुटी हुई है मगर कांग्रेस की यह मशरूफियत खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। कांग्रेस ने अपने एक मौजूदा विधायक व एक पूर्व विधायक को चुनावी तैयारी के लिए डटे रहने को कहा था मगर इन दोनों नेताओं ने संगठन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस की बेचैनी और मुश्किल दोनों ही बढ़ना स्वाभाविक है।

रायगढ़ लोकसभा सीट पर पिछले 25 वर्षों से भाजपा का एकाधिकार कायम है। कांग्रेस ने इस सीट पर जीत के लिए अनेक प्रयोग किए, ढेरों जतन किए लेकिन कांग्रेस की मेहनत अब तक परवान नहीं चढ़ सका है।

वर्ष 1998 में अजीत जोगी ने रायगढ़ संसदीय सीट पर कांग्रेसी तिरंगा लहराया था, उसके बाद से कांग्रेस आज तक जीत के मुहाने तक नहीं पहुंच सकी है। कांग्रेस ने कंवर प्रत्याशी आजमाया तो गोड़ उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में उतारा लेकिन कांग्रेस की जीत का अरमान पूरा नहीं हो सका है। अब मई महीने में लोकसभा चुनाव होना है लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी का चयन अभी तक नहीं हो सका है।

रायगढ़ संसदीय सीट से रायगढ़ राजपरिवार की राजकुमारी श्रीमती जयमाला देवी सिंह, सारंगढ़ गिरीविलास पैलेस की राजकुमारी डॉ. मेनकादेवी सिंह और खरसिया के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भोजसिंह राठिया की प्रबल दावेदारी है। मेनका देवी व जयमाला सिंह की दिल्ली दरबार में तगड़ी लॉबिंग है। कुछ वर्ष पहले कांग्रेस ने मेनकादेवी को लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन अजीत जोगी ने उनका बाद में टिकट कटवा दिया था।

मेनका व जयमाला दोनों ही अपनी उम्मीदवारी के लिए उच्चस्तरीय राजनैतिक संपर्क सूत्रों पर आश्रित हैं। वहीं, भोजसिंह राठिया के लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इन तीन दावेदारों के अलावा कुछ और चेहरे भी सक्रिय हैं जिन्हें इस बात की पूरी तरह उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें घर बैठे प्रत्याशी बनाएगी। वहीं, भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस भी नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतारकर चौंका दे तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।

ज्ञात हो कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लालजीत सिंह राठिया को उम्मीदवार बनाया था परन्तु उन्हें भाजपा प्रत्याशी श्रीमती गोमती साय के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

ऐसे में सूत्रों के हवाले से धनुर्जय भगत का नाम आने से सूबे में खलबली मच गई है, बता दे कि युवा व सहजभासि धनुर्जय भगत लंबे समय से कोंग्रेसी राजनीति का हिस्सा रहे हैं एवं वर्तमान में जिला सचिव कोंग्रेस रायगढ़ के पद पर निष्पक्ष भाव से अपने कर्तव्यों का वहन कर रहे है। सूत्रों की माने तो वर्तमान में लैलूंगा विधानसभा की कांगेस विधायक विद्यामती की जीत में भी अहम भूमिका निभाई थी।

Bharat Samman

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