दुर्घटनाओं को न्योता देता महान नदी का पुल,विभाग की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

भारत सम्मान/सूरजपुर/यूसुफ मोमिन:- प्रतापपुर क्षेत्र के भैंसामुंडा स्थित महान नदी का पुल इन दिनों मौत को दावत देता नजर आ रहा है। वर्षों से जर्जर हालत में पड़ा यह पुल अब किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। पुल के दोनों ओर और बीचोंबीच बने गहरे गड्ढे न केवल यातायात के लिए खतरा बने हुए हैं, बल्कि अब यह लोगों के धैर्य की भी परीक्षा लेने लगे हैं। यह पुल अंबिकापुर से वाराणसी को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित है, जिस पर दिन-रात भारी वाहनों का निरंतर आवागमन बना रहता है। लगातार भारी दबाव और विभागीय लापरवाही के कारण पुल की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि कभी भी बड़ा दुर्घटना घट सकता है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गड्ढों और पुल की दरारों के चलते लगभग हर सप्ताह दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि दर्जनों घायल हो चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वे बार-बार विभाग को जानकारी देते हैं, जनप्रतिनिधियों तक भी बात पहुंचाई गई है, साथ ही मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के बाद भी विभाग की कुम्भकरणीय नींद नहीं टूटी। ग्रामीणों का कहना है कि हर बार औपचारिक मरम्मत के नाम पर मुरुम या गिट्टी डालकर खानापूर्ति कर दी जाती है। कुछ दिनों तक सड़क समतल दिखाई देती है, फिर वही गड्ढे और दरारें उभर आती हैं।ग्रामवासी शासन-प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि पुल एवं सड़क की जल्द से जल्द स्थायी मरम्मत की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यह मार्ग न केवल सूरजपुर व प्रतापपुर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। ऐसे में इस पुल का जर्जर होना न केवल क्षेत्रीय यातायात बल्कि राज्य के अंतरराज्यीय संपर्क के लिए भी गंभीर खतरा है। अब देखना यह होगा कि विभाग इस गंभीर समस्या पर कब जागता है और क्या वास्तव में इस बार पुल का स्थायी समाधान किया जाएगा,या फिर एक बार फिर मुरुम डालकर लीपापोती कर दी जाएगी।
स्थानीय जनों की अपील: “हम सरकार और प्रशासन से आग्रह करते हैं कि पुल की मरम्मत कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाए। यह अब धैर्य की नहीं, जनसुरक्षा की बात हैँ।



