क्या आसान नहीं है जिले के मंडलों में अध्यक्ष के लिए किसी एक नाम पर सहमति बनना

प्रत्येक मंडलों में है दावेदारों की लंबी नाम की सूची, नहीं बन पा रही किसी एक नाम पर सहमति।
क्या मंडल अध्यक्ष नियुक्तियों के बाद बन सकते है टूट के बड़े कारण ?
क्या असमंजस में है बड़े नेता जो विधायक के पसंदीदा कार्यकर्ता या संगठन के लिए निष्ठापूर्वक काम करने वाले कार्यकर्ताओं में से नहीं चुन पा रहे है किसी एक नाम ?
भारत सम्मान/ सूरजपुर/ फिरोज खान:- जिले के 15 मंडल में भाजपा के अध्यक्षों की नियुक्ति 15 दिसंबर तक होने की सुगबुगाहट तेज हो गई थी लेकिन अब तक नियुक्ति किसी भी मंण्डल में अध्यक्षों की नहीं हुई है जो कहीं ना कहीं भाजपा खेमे के अंदर एक बड़ी सुगबुगाहट देखने को मिल सकता है जो कहीं न कहीं मंडल अध्यक्ष की नियुक्तियों के बाद पार्टी को एक बड़ा विरोध का सामना करना पड़ सकता है जो नियुक्तियों के पहले ही मनमुताबिक अध्यक्ष नियुक्ति करने की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर लेने की बाद दबे जुबान कहते सुना जा सकता है।
क्या जरही और प्रतापपुर में हो सकते है बड़ा विरोध ?
इन सब के बीच प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के जरही और प्रतापपुर मंण्डल में विरोध का सुर गुंजने लगा है। प्रतापपुर मंण्डल के कार्यकर्ताओं ने एक फोटो के जरिए क्षेत्रीय विधायक व जिले के संगठन पर सवाल उठाया है, मंण्डल अध्यक्षो के रेस में कई नाम सामने आए थे। कार्यकर्ताओं ने 7 दिसंबर को हुए मंण्डल में रायसुमारी बैठक के दौरान मंण्डल प्रभारी के सामने कई नाम रखा था लेकिन खबर है की कार्यकर्ताओं द्वारा रखे गए नामों पर क्षेत्रीय विधायक की सहमति नहीं बना है इसलिए अपने करीबी का नाम संगठन में रखी है जिसके बाद से दोनों ही मंण्डल के कार्यकर्ता नाराज दिखने लगें है।

क्या प्रतापपुर मंडल में लगने लगे दबे जुबान आरोप ?
प्रतापपुर मंण्डल के भाजपा कार्यकर्ताओं ने तो दबी जुबान आरोप लगाना भी शुरू कर दिया है की जिस नाम पर क्षेत्रीय विधायक सहमति बना रही हैं मंण्डल अध्यक्ष के लिए वो व्यक्ति कांग्रेस की सरकार रहते भर कांग्रेस के लिए काम किया है इसके सबूत के तौर पर कई फोटो भी सोशल मीडिया में जारी किया है जिसमें देखा जा रहा है की प्रतापपुर मंण्डल में अध्यक्ष की रेस मे आगे चलने वाला नाम मुकेश तायल का है जो कांग्रेस नेताओं के साथ झोला बाटकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं, एक फोटो में किसी भवन का फीता काटते कांग्रेस नेताओं के साथ देखे जा रहे हैं। ऐसे में मंण्डल अध्यक्ष की रेस में आगे चल रहे मुकेश तायल का विरोध भाजपा कार्यकर्ताओं ने करने की पूरी तरह से मूड में दिख रहे हैं।
क्या कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा ?
भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है की क्षेत्रीय विधायक भाजपा कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर कांग्रेस नेताओं को सम्मान दे रही हैं ।यही वजह है की प्रतापपुर और जरही में भाजपा के अपने कार्यकर्ता दूर होते चले जा रहे हैं।
क्या कहते है दावेदार प्रतापपुर…..
मुकेश तायल से जब फोन पर फोटो के बारे जाना गया तो इस बात को मानते हुए टीएस सिहं देव का हवाला दिया और कहा की बाबा भी भाजपा नेताओं की कई बार तारिफ करते थे तो क्या भाजपा में आ गए। नगर पंचायत में मेरी पत्नी उपाध्यक्ष है इस नाते कांग्रेस के कार्यक्रम में चला जाता था अब संगठन जो तय करेगी उसे हम मानेंगे।

क्या जरही मंण्डल में कार्यकर्ताओं के सहमति को दरकिनार किया जा रहा।
भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच अब चर्चा होने लगा है की सोनगरा रेस्ट हाउस में हुए रायसुमारी बैठक में जिस नाम पर कार्यकर्ता व वरिष्ठ नेताओं की सहमति थी उस नाम पर भी विधायक अपनी असहमति जाहिर कर दी है और अपने करीबी का नाम का प्रस्ताव संगठन में रखी है। ऐसे में जरही मंण्डल के कार्यकर्ताओं में नाराजगी के कारण भारी टूट होने की संभावना बनने लगी है हालांकि कार्यकर्ताओं को जिले के नेतृत्व पर अभी भी भरोसा है की जिस नाम पर अधिक सहमति बनी है संगठन उस नाम का सम्मान करते हुए घोषणा करेगी।
क्या वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों व विधायकों के गुटबाजी से नहीं बन पा रही सहमति ?
क्या लगाया मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की कयास लगाए बैठे कार्यकर्ताओं और दावेदारों के बीच उत्पन्न हो रहे निराशा के कारण तो नहीं जहां वर्तमान और पूर्व संगठन के पदाधिकारियों सहित विधायकों के बीच कार्यकर्ताओं के गुटबाजी को लेकर आपसी समन्वय नहीं बन पाने का कारण बन रहा है। बहरहाल देखना होगा की विधायक की सहमति वाले नाम पर संगठन मुहर लगाती है या कार्यकर्ताओं की सहमति वाली नाम पर ये तो चंद दिनों में सामने ही आ जाएगा।