सरगुजा संभाग

गर्भवती महिलाओं का सोनोग्राफी जांच के नाम पर हो रहा उनके जान से खिलवाड़

भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:- जिले में मातृत्व आश्वासन योजना के अंतर्गत सभी चिन्हाकित सामुदायिक केन्द्रो में सोनोग्राफी की सुविधा प्रदान की जा रही है शासकीय संस्थाओं में सोनोग्राफी की सुविधा प्रारंभ होने से मातृ दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी ऐसी सरकार की मंशा है, लेकिन उनके अधीनस्थ कर्मचारी इस योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सोनोग्राफी की सुविधा होने से दूरस्थ अंचल में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधा में राहत मिलती, समय और पैसे की बचत होती है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान में गर्भवती महिलाओं का सोनोग्राफी जांच के नाम पर हो रहा है जान से खिलवाड़, अस्पताल में गर्भवती महिलाएं कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आई, वहीं कई गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य प्रबंधन पर कई गंभीर सवाल खड़ा कर रही हैं।

क्या राज्य सरकार सिर्फ जांच के नाम पर सुर्खियां बटोरने के लिए है क्या माह में दो दिन सोनो ग्राफी कर वाह वाही लुटना  चाह रही है, आखीर क्यों सरकार गरीब गर्भवती महिलाओं के साथ भद्दा मजाक कर रही है, जब उनकी जान से हो रही खिलवाड़ तो क्या इन गरीब महिलाओं का सरकार की नजर में कोई अहमियत नहीं है। कोई परवाह नहीं है अगर परवाह है तो इतनी लापरवाही क्यों।

बाहर बरामदे में बैठी महिलाएं कराहती नजर आई जो अपनी पारी का इंतजार कर रही थी, स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ जो कार्यरत हैं ऐसे तेवर दिखाते हैं कि जैसे गरीबों के उपर एहसान कर रहे हैं, उनके तेवर बताते हैं कि बाहर से कोई आदेश है कि इतना से ज्यादा सोनोग्राफी नहीं करना है। कई गर्भवती महिलाएं फर्श पर बैठी हुई मिली जो अपने पारी का इंतजार कर रही थी पर उन्हें क्या पता की  यहां पर तो मात्र 20 से 25 लोगों का ही सोनोग्राफी किया जाना है। सोनोग्राफी का टाइम खत्म हो जाने के बाद गरीब महिलाएं मायुस होकर घर लौट जाती हैं इसे गरीब गर्भवती महिलाओं के जांच के नाम पर मजाक ना कहे तो क्या कहें। हर माह में 09 और 24 तारीख को सोनोग्राफी जांच का तारीख निर्धारित किया गया है, शेष महिलाएं दिन भर बैठ अपनी पारी का इंतजार करती रही, और उसी बिच तुगलकी फरमान जारी होता है कि समय समाप्त हो गया, अपना अपना घर चली जाओ, गरीब गर्भवती महिलाएं मायुस होकर घर लौट जाती है और फिर से 09 और 24 तारीख का इन्तजार करने लगती है नम्बर लग गया तो ठिक नहीं लगा तो कर भी क्या सकती हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान के कर्मचारियों-अधिकारियों को इस बात का ध्यान होना चाहिए कि एक तो गर्भवती ओर दुसरी दुरस्त अंचल की महीलायें, रोक कर रखने के बजाय चिन्हाकीत नाम को छोड़ शेष लोगों को वापस घर भेज देना चाहिए जब  होना 25 लोगों का ही है, वैसे भी हमारे देश मे डाक्टरो को भगवान का दर्जा दिया जाता है पर कुछ गिने चुने कर्मचारियों के करतुतो ने स्वास्थ्य विभाग को बदनाम कर दिए हैं, यदि स्वास्थ्य विभाग कुंभकरण नींद से नहीं जगी तो लगातार होता रहेगा खबर प्रकाशित बहुत हो गया गरीब गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ अब नहीं होने देंगे।

भैयाथान के स्वास्थ्य विभाग का शौचालय का हाल पूछो ही मत शौचालय की दुर्दशा खराब इतनी है कि मरीज तो मरीज मरीज के परिजन भी शौचालय में चले जाएं तो मरीज बन जाना तय है इतनी गंदगी इतनी महक की कोई अच्छा स्वस्थ आदमी शौचालय में चला जाए तो तबीयत खराब होना तय है।

जहां सोनोग्राफी किया जा रहा है वहां स्वच्छ शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है और जो शौचालय है वह गंदगी से भरा पड़ा हुआ है और उस शौचालय का बदबू पूरे बरामन्दे में फैल रहा है जहां गर्भवती महिलाएं बैठ अपने पारी का इंतजार कर रही हैं बरामदे में पंखा तक नहीं है एक छोटा कूलर लोगों को दिखाने के लिए लगा दिए हैं जिसका हवा  कुलर तक ही नहीं जा रहा है वह क्या लोगों को गर्मी से राहत देगा।

बरामदे में इतनी उम्मस भरी गर्मी में गर्भवती महिलाएं उस बदबू और गंदगी के आलम में बैठकर अपनी पारी का इंतजार कर रही हैं, स्वचछ जल का भी कोई व्यवस्था नहीं दिखा, महिलाएं अपने साथ छोटे बच्चों को भी लेकर आती हैं उस बदबू और गंदगी का असर उन छोटे बच्चों के ऊपर पढ़ रहा होगा जो घर जाते ही बीमार पड़ जाते होंगे, इसे सरकार की नाकामी कहे या गरीब गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कहें, बेशर्मी की हद तो तब देखने को मिली इतनी गंदगी अवस्था में सब कुछ हो रहा है ओर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को वाह वाही लूटने को पड़ी है वहां मैने गजब का नजारा देखा विभाग के कुछ स्टाफ आये और महिलाओं को कुर्सी पर बैठा के विडिओ बनाते हुए मोदी जी को धन्यवाद दिलाने लगे और उनसे कहवाए कि मोदी जी आपने फ्री में सोनोग्राफी किया उसके लिए धन्यवाद, और गरीब गर्भवती महिलाएं कह भी रही थी क्योंकि उन्हें सोनोग्राफी कराना रहता है।

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी भैयाथान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधिकारियों कर्मचारियों से भय बना रहता है अधिकारीयों कर्मचारियों के मनमानी, भ्रष्टाचार, करतुतो अव्यस्था को उजागर करने से गैंग बनाकर आन्दोलन पर उतारू हो जाते हैं, काम बंद कर देते हैं, हो सकता है ईस बार भी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए काम बंद कर दे। ओर दबाव बनाकर अपनी तारीफ लिखने को विवश करे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैयाथान में अव्यवस्था के आलम में सोनोग्राफी और ईलाज करके लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य प्रबंधन अपने अधिनस्थ कर्मचारियों के चिकनी चुपड़ी बातों में फंसे हुए रहते हैं ना तो इनको किसी अधिकारी का डर है और ना नेताओं का भय है जब कोई नेता या बड़े अधिकारी निरीक्षण पर पहुंचते हैं तो पता नहीं उनकी आंखों में कौन सी पट्टी बांधी जाती है कि उन्हें कुछ दिखता ही नही है। जब हमारी टीम ऑफिस का नजारा झांक कर देखा तो पता चला कि बीएमओ साहब टेबल पर पैर रखकर ठहाके मार रहे हैं, उनके ईर्द गिर्द बाबु लोग समर्थन मे सर हिला रहे हैं। ऐसा है भैयाथान स्वास्थ्य विभाग का हालात।

Bharat Samman

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