सुरजपुर

भांड़ी में बीमारी का प्रकोप, विभाग की लापरवाही से बढ़ा दर्द,जनप्रतिनिधियों के दौरों के बाद भी हालात जस के तस

पूर्व श्रम बोर्ड अध्यक्ष शफी अहमद बोले, मौत के बाद भी नहीं चेता स्वास्थ्य विभाग, यह लापरवाही नहीं अपराध है।

शफी अहमद के दौरा से सियासी गलियारों में हलचल।

भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:-जिले के ओढ़गी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भांड़ी इन दिनों उल्टी-दस्त जैसी बीमारी की चपेट में है। बीमारी ने गांव में ऐसा तांडव मचाया है कि हर घर में भय का माहौल है। कई परिवार बीमार पड़ चुके हैं, परंतु स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से लोगों में गहरा आक्रोश है।

एक माह पूर्व भी हुई थी मौत,अब फिर दो मासूमों से छिन गया मां का साया।

भांड़ी गांव की यह त्रासदी नई नहीं है। लगभग एक माह पूर्व भी इसी बीमारी से एक महिला की मौत हुई थी। उस घटना ने दो बच्चों को मां की ममता से वंचित कर दिया था। अब एक और महिला की मौत ने गांव को फिर शोक में डुबो दिया है, पीछे रह गए दो मासूम, उम्र महज़ दो और चार साल।

गांववाले सवाल पूछ रहे हैं कि कब जागेगा स्वास्थ्य विभाग? क्या किसी और की जान जाने का इंतज़ार है?

शफी अहमद का दौरा, पीड़ित परिवार को दिलाया भरोसा, विभाग पर साधा निशाना।

पीड़ित परिवारों से मुलाकात के दौरान पूर्व श्रम बोर्ड अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा कि यह लापरवाही नहीं, अपराध है। एक महीने पहले मौत हो चुकी थी, फिर भी विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीण इलाकों में उपस्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद बीमारियां फैल रही हैं, यह प्रशासनिक संवेदनहीनता का प्रमाण है।

उन्होंने जिला प्रशासन से गांव में व्यापक जांच अभियान, स्वास्थ्य शिविर, और स्वच्छ पेयजल व्यवस्था की तत्काल मांग की।

चार दिन में दो नए मरीज, गांव में फिर फैली दहशत।

बीमारी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। चार दिन पहले गांव में दो और नए मरीज सामने आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और डर का माहौल हर तरफ है।

मंत्री और सांसद के निरीक्षण के बाद भी नहीं बदली तस्वीर।

भांड़ी की भयावह स्थिति को देखते हुए कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद चिंतामणि महाराज, और जिला प्रशासन के अधिकारी गांव का निरीक्षण कर चुके हैं। मगर तस्वीर अब भी वैसी ही है जैसी पहले थी, न राहत, न व्यवस्था।

ग्रामीणों की पुकार,अब दिखावे नहीं, स्थायी समाधान चाहिए।

गांव के लोगों ने स्पष्ट कहा है कि अब उन्हें आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए। उनकी मांग है कि गांव में स्थायी चिकित्सा टीम की तैनाती हो, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए, और नियमित स्वास्थ्य निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस बार भी लापरवाही जारी रही, तो हर बरसात में मौत और बीमारी की यही कहानी दोहराई जाएगी।

Bharat Samman

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