गौ तस्करी में लिप्त अंतराज्यीय गिरोह का सुदूर वनांचल लैलूंगा क्षेत्र बना स्वर्ग,क्षेत्र से कत्लखाने भेजे जाते हैं बेजुबान मवेशी…
आखिर गौ माताओं के नृशंस हत्यारों को किसका संरक्षण..?
क्या जिम्मेदारों के कर्तव्य निर्वहन में सफेदपोश बन रहे हैं बाधक या चंद बोटी नुमा रिश्वत के आगे हो गए नतमस्तक…?
भारत सम्मान/लैलूंगा। कैलाश आचार्य:- छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना देश-दुनिया के लिए नजीर बन गई है। देश के कृषि क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को एक सफल और मजबूत योजना के रूप में सराहा जा रहा है। गांव-गांव में की जा रही गोबर खरीदी और जैविक खाद के सतत निर्माण एवं उपयोग से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। वहीं दूसरी ओर लगातार होती गौवंशो की तस्करी पर भी अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा है।
गौठान के निर्माण का मुख्य उद्देश्य गौ संवर्धन व संरक्षण ही है एवं गौधन न्याय योजना माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे महत्वाकांक्षी योजना में से एक है। लेकिन बूचड़खाने में गौतस्करी से कैसे संरक्षण व संवर्धन सफल होगा गौमाता का…?
विडंबना की बात तो यह भी है कि गौ सेवा आयोग अध्यक्ष ने लैलूंगा प्रवास के दौरान गौ तस्करी रोकने को लेकर अपना नंबर देते हुए कहा था कि 24 घंटे में कभी भी कॉल कर सकते हैं। परन्तु विडंबना यह है कि कॉल करने पर कॉल उठता ही नही है।माननीय अध्यक्ष द्वारा गौ अभ्यारण बनाने की बात भी मौके पर कही थी जो कि केवल बोलने के लिए ही था, अमलीजामा पहनाने आज तक जमीन ही चिन्हांकित नही की गयी है।
जानिए पूरा मामला।
17 जून 2023 की रात में घरघोडा रोड़ से पिकअप गाड़ी में ठूस ठूस कर गाय 9 रास व बछिया 02 रास कुल 11 गौवंश सहित गाड़ी का पीछा करके लैलूंगा तक लाया गया। उन तस्कर को उनके साथी से सूचना मिलते ही पेट्रोल पंप से यू टर्न लेकर वापस केसला रोड होते हुये पिपराही से निकल कर पोकड़ेगा के रास्ते हो कर भाग निकले लेकिन रास्ता खत्म होने के कारण तस्करों को कोई उपाय नहीं सूझा और पिकप को गौवंशो के सहित खेत में छोड़ भाग गए।
बताया जा रहा है कि लैलूंगा में कुछ स्थानीय लोगों के सह पर गौवंशो की तस्करी का खेल जोरो पर है। इन तस्करों की गाड़ीयों को स्थानीयों द्वारा आगे पीछे करके लैलूंगा को पार कराया जाता है अगर विभाग इसकी जांच सूक्ष्मता से करे तो हो सकता है इस गोरख धंधे में कई बड़े चेहरों के बेनकाब होने की भी सुगबुगाहट है।
घटना रात्रि 12. 30 बजे के आस पास की बताई जा रही है। जहां गौ सेवकों (शिव भगत ,जय सिदार, संजय कुजूर, सोहन गुप्ता, श्याम भगत, अनीश सारथी, जयंत प्रधान, छमेश महन्त, मुकेश चौहान) के द्वारा मवेशी तस्करों को रोक करके अपनी जान जोखिम में डालकर गोवंश को बूचड़खाने ले जाने से बचा लिया गया है और गौवंशो को गौशाला सलखिया को किया गया सुपुर्द किया गया जहां 6 गौवंशो की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉ ललित विश्वाल पशु चिकित्सक एवं उनकी टीम द्वारा गौवंशो का इलाज जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार लैलूंगा थानेदार गौ सेवको पर ही बरस पड़े व उन अभद्र व्यवहार का भी आरोप लगाया जा रहा है। आला अधिकारियों को बताने पर भी गौ तस्करों के ऊपर लगाम नहीं जाने का भी आरोप है।
आर०एस०तिवारी थाना प्रभारी लैलूंगा
मामले में लैलूंगा थाना प्रभारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्ति पर डगला पेट्रोल पम्प के पास दो बेरिकेट लगाकर पुलिस तैनात की गई थी व मैं स्वयं हमराह स्टाफ के साथ पहुचा था जहाँ तस्करो द्वारा गाड़ी केशला रोड में घुमा दिया गया जिसे पोकडेगा के पास खेत मे छोड़कर तस्कर फरार हो गए वापस थाना आकर गौवंशो को सलखिया गौशाला में सुपुर्द कर आगे की कार्यवाही की जा रही है।