हैंडओवर के पूर्व प्री मैट्रिक बालक छात्रावास में पड़ी दरारें,कई जगह टूट फूट, खुलकर हुई भ्रष्टाचार
चोर चोर मौसेरे भाई,आओ सब मिल बांट के खाए मलाई।
भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:- चोर चोर मौसेरे भाई आओ सब मिल बांट के खाई ये कहावत जिले के विकासखंड ओडगी अंतर्गत ग्राम पंचायत दवना में फिट बैठता हे जहा करोड़ों की लागत से बन रहे प्री मैट्रिक बालक छात्रावास हैंडओवर होने से पहले ही दरार भरी दीवारें और जगह जगह लीपापोती ने अभी से विवादों में ला दिया है, ईस विवाद पर कही न कही चार चांद छात्रावास मंडल संयोजक ओडगी मनोहर गुप्ता एवं अधिक्षक संतोष यादव लगाते दिखाई दे रहे है जिस बिल्डिंग का निर्माण हुआ है कार्य पूर्ण होकर संबंधित विभाग को हैंड ओवर करना होता है किन्तु मंडल संयोजक एवं अधिक्षक के द्वारा विल्डिंग हैंड ओवर होने से पहले ही भवन में बच्चों को रखना प्रारंभ कर दिया है, जबकि भवन की हालत जर्जर स्थिति में है । जिससे मंडल संयोजक और छात्रावास अधिक्षक की भुमिका संदिग्ध नजर आ रही है, जिस भवन की मेन गेट में लगे सारे टाइल्स टूटे हुए हैं, भवन में बने शौचालय ठीक नहीं है, बिल्डिंग की दीवारे दरारों से भरी पड़ी हुई है, भवन के आंगन में गंदगी भरी पड़ी हुई है आखिर किसके आदेश से मंडल संयोजक मनोहर गुप्ता एवं अधिक्षक संतोष यादव इस नए छात्रावास के भवन में लगभग 50 छात्रों को रख रहे हैं क्या उनकी जान माल की कोई जिम्मेदारी नहीं है अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमौजी चरम पर है और हैंडोवर होने से पहले ही उस भवन को लगभग एक साल से संचालित कर देना साजीस की बु आ रही है।
विभाग के जिम्मेदार उच्च अधिकारी पिछले एक सालों से मुक्त दर्शक बने हुए हैं। या यह जानबूझकर ठेकेदार के कमी को छुपाने के लिए छात्रावास में बच्चों को रहने का मौखिक स्वीकृति दे दिए हैं जो जांच का विषय है।
ज्ञात हो कि भटगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत दवना में निर्माणाधीन प्री मैट्रिक बालक छात्रावास करोड़ की लागत से ठेकेदार के द्वारा बनाया जा रहा है। कांग्रेस की भूपेश सरकार में इसका काम शुरू जरूर हुआ मगर भाजपा के 8 महीना के सरकार में भी पूरा नहीं हो पाया। अब राज्य में सरकार बदली तो जैसे तैसे इसे जल्द पूरा करने के प्रयास में जुटी है हैंडओवर पूर्व कोई कमी दिखाई न दे इसलिए सृजनकर्ता अपनी सृजनशीलता के बखूबी प्रदर्शन में जुट गए हैं।
विकासखंड ओडगी के ग्राम पंचायत दवना में प्री मैट्रिक बालक छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि संबंधित ठेकेदार के द्वारा भवन निर्माण करने से पूर्व बनाए जाने वाले सूचना पटल को ही लगाना भूल गया या फिर अपनी कमजोरी छुपाने के लिए लगाना ही उचित नहीं समझा क्योंकि किसी भी विभाग के कार्य की शुरुआत होने से पहले एक सूचना पटल का निर्माण कराया जाता है जिसमें लिखा जाता है कि निर्माण एजेंसी का नाम,लागत कितने का है निर्माण के समय अवधि क्या है वगैरा वगैरा ताकि निर्माण से संबंधित जानकारी आसानी पता चल सके। चुकी यहां तो ठेकेदार मे ही जब पारदर्शी नहीं है तो निर्माण कार्य कैसे सही हो सकते है जो विभाग के जिम्मेदार ईन्जीनियर एस डीओ पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है क्योंकि अभी से ही दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आने लगी हैं जिसे लीपापोती कर सुधारा जा रहा है। भवन के फाउंडेशन की मजबूती भी कहीं न कहीं अपनी कमजोरी दिखा रही है। निर्माण कार्य स्थल के सामने न ही सूचना पटल लगाया गया है और न ही लैंड मार्क दिखाई पड़ा।
निर्माण कार्य का पूरा न हो पाना, हैंडओवर करने के पूर्व छात्रावास का संचालन करना क्या सही है, हैंडओवर पूर्व क्या मंडल संयोजक मनोहर गुप्ता एवं छात्रावास अधिक्षक के मनमानी से संचालित हो रहा है , हैंडओवर करने के पूर्व दरारें और टूट फूट होना, ठेकेदार ने अगर गुणवत्ता के मापदंड अनुरूप कार्य नहीं किया है तो क्या ठेकेदार ईन्जीनियर एस डी ओ और संबंधित मंडल संयोजक मनोहर गुप्ता ओडगी एवं छात्रावास अधिक्षक संतोष यादव के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी ये एक सवाल है कही यह एक सवाल बनकर ही न रह जाए ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। सुत्रो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधुरे टुटे फुटे छात्रावास भवन में बच्चों को शिप्ट करने पर मंडल संयोजक एवं अधिक्षक को ठेकेदार द्वारा खुश की गई हे , कुल मिलाकर मंडल संयोजक और अधीक्षक के दोनों हाथ में रसगुल्ला है, और ये कहावत फिट बैठता है पढ़ा सभी ने इसे बहुत पर,जनता आज तक जान ना पाई,
दूध जमाया जब-जब लोगों ने दिखा न माखन दही में, मक्खन नेता ठेकेदार अधिकारी बांट ले गए जनता केवल मठ्ठा पाई।