भारत सम्मान न्यूज़ अनूपपुर
मिलावटी मिठाईयों पर कार्यवाही की मांग, प्रदेश सरकार से शुध्द में युद्ध कि दरकार।
भारत सम्मान न्यूज़ इन्द्रपाल यादव अनूपपुर ब्यूरो
जिला क्षेत्रांतर्गत कोयलांचल नगरी बिजुरी के विभिन्न होटल, बेकरी एवं डेयरियों में मिलावट युक्त खोवा, मिठाईयां आदी समानों कि बिक्री धड़ल्ले से संचालकों द्वारा किया जा रहा है। इन मिलावट युक्त मिठाईयों के सेवन से जहां लोगों के स्वास्थ्य-जान पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, वहीं कयी गम्भीर बिमारियों से भी लोग प्रभावित हो रहे हैं। लगातार कोयलांचल क्षेत्र में चल रहे इस मिलावट खोरी पर जिला खाद्य विभाग को गम्भीरता से जांच कर आवश्यक कार्यवाई करने कि आवश्यक्ता है, किन्तु जिला खाद्य विभाग द्वारा इन मिलावट खोरों पर कार्यवाई नही किए जाने से इनके हौसले बुलंद है।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने चलाया था शुद्ध में युद्ध अभियान-
प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश भर में शुध्द में युध्द अभियान चलाकर जहां नकली एवं मिलावटखोरी समानों पर नकेल कसा गया था। वहीं वर्तमान प्रदेश सरकार कि सुस्ती भरी चाल मिलावटखोरों को बल प्रदान कर रहा है। लिहाजा मिलावट खोर अपने कारनामों को अंजाम देकर मनमानी पर अमादा हैं। और त्यौहारों के समय पर समानों कि अधिक खपत होने के कारण प्रदेश सरकार कि शुद्ध में युद्ध अभियान को धता बताते हुए मिलावट खोरी के कारनामों पर अंजाम देने में कोताही नही बरत रहे हैं।
शुद्ध में युद्ध अभियान पर लगा ग्रहण-
वर्तमान प्रदेश सरकार कि यथास्थियों का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन दिनों खाद्य विभाग पूरी तरह से निरंकुश हुए बैठा है, और डा. मोहन यादव के कार्यकाल में कुर्सी तोड़कर वेतन उठाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का इतिश्री करने पर अमादा हैं। जबकि इन्हे धरातल पर यथास्थितियों का जांच परख करते हुए नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करना आवश्यक है, जिससे मिलावट के कारण दुष्प्रभाव का शिकार हो रहे लोगों के जीवन पर मंडराते खतरे को रोका जा सके। किन्तु कोयला उत्पादन वाली बिजुरी क्षेत्र में ऐसा कुछ भी होता प्रतीत नही नजर आ रहा है। जो कि आम जन जीवन के लिए चिंतनीय है।
क्या सम्बंधित विभाग लोगों के जानमाल के साथ कर रहा है खिलवाड़-
प्रदेश सरकार कि नीति और नियत वर्तमान समय में आम नागरिकों को स्पष्ट तौर पर समझ से परे ही लग रहा है। कारण ऐसा कोई भी विभाग नही है जो डा. मोहन यादव के कार्यकाल में बेलगाम नही हुआ है। प्रत्येक विभाग जहां मनमानी पर अमादा होकर प्रदेश सरकार कि शाख पर बट्टा लगा रहा है। वहीं खाद्य विभाग तो पूरी तरह से अपनी निरंकुशता का प्रमाण दे रहा है जिससे मिलावटखोरी का कारोबार तीव्र गति से फल-फूल रहा है। वहीं दुष्परिणाम आम जनजीवन भुगतने पर विवश है। जिसे माकूल माना जाए यह कदापि यथा उचित नही होगा।