भारत सम्मान न्यूज़ अनूपपुर
पुलिस प्रशासन के नाको तले चल रहा अवैध जुआ का कारोबार, दोपहर से मध्यरात्रि तक लगती है बोली
बटुरा बना संभाग का सबसे बड़ा जुआं फड, दर्जनों नामचीन जुआड़ी पहुंचते है दांव लगाने
पुलिस के संरक्षण में चल रहा जुआ फड, कैसे होगी कार्रवाई, कप्तान की बन रही परेशानी
भारत सम्मान न्यूज इन्द्रपाल यादव अनूपपुर ब्यूरो
अनूपपुर। अमलाई-चचाई की सीमावर्ती गांव बटुरा में अब दीपावली के आगमन के साथ जुआ फड पर नामचीन जुआडिय़ों की भीड़ जुटने लगी है, जहां रोजाना २५-३० लाख रुपए से अधिक का फड एक दिन में सज रहे हैं और जुआड़ी अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। पूर्व में बटुरा गांव में जुआ का ठीहा हुआ करता था और पास के गीता ग्राम में जुआ की सबसे बड़ी फड सजती थी। लेकिन यहां शहडोल एडीजीपी के निर्देश में शहडोल मुख्यालय स्तर की पुलिस द्वारा की गई दबिश और जुआडिय़ों की खोज में जेसीबी से गांव की खोदी गई मिट्टी के बाद भी पुलिस को कुछ हासिल नहीं हुआ। जिसके बाद जुआडिय़ों ने पास के गांव बटुरा की ओर रूख किया। अब यह बटुरा गांव अनूपपुर और शहडोल जिले के जुआडिय़ों के साथ मारवाही, पेंड्रा, गौरेला, मनेन्दगढ़, राजनगर, बिजुरी, अमलाई, कोतमा भालूमाड़ा, फुनगा, चचाई, बुढ़ार, शहडोल के साथ उमरिया व कटनी के जुआडिय़ों की भीड़ में शहडोल संभाग का सबसे बड़ा जुआ फड की सुरक्षित स्थली बन गया है। यहां पुलिस के सरंक्षण में दोपहर १२ बजे से आरंभ होकर रात १२ बजे तक जुआ का खेल संचालित किया जाता है। बावजूद अमलाई व चचाई पुलिस कभी इस गांव की ओर गश्त तो दूर सूचना मिलने के उपरांत भी कार्रवाई नहीं करती। जानकार सूत्रों के अनुसार संभागीय मुख्यालय में बैठे आला अधिकारियों को भी इसकी भनक है, ऐसे में कार्रवाई कैसे होगी अपने आप में अबूझ पहेली बनी हुई है।
कार से पहुंचते हैं जुआड़ी, फिर सजता है फड
जानकारी के अनुसार अनूपपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र का नामचीन जुआड़ी अतुल कार में अन्य जुआरियों को साथ लेकर यहां पहुंचता है, जिसके बाद यहां जुआ का फड सजता है। बताया जाता है कि जब फड का खेल आरंभ होता है तो पुलिस की मुखबिरी के लिए चौराहों तक लोग फैला दिए जाते हैं,यहां किसकी ड्यूटी किस चौराहे पर लगानी है और किस प्वाइंट से क्लाइंट को उठाना है यह सब मैनेजमेंट अज्जू नामक व्यक्ति के हाथों में होता है। जुआं खिलाने का सिस्टम यदि देखा जाय तो इतना सुरक्षित और व्यवस्थित है की बाहर से आने वाले खिलाडिय़ों को बकायदा गाड़ी में बैठाकर ठीहे तक लाया जाता है। और यदि वह हार जाता है तो बकायदा उसे वापस घर भी पहुंचाया जाता है। सुरक्षा की दृष्टि से हर चौराहे पर खबरी मौजूद होते हैं। जिनका बकायदा पेमेंट के साथ टीए,डीए भी निर्धारित किया गया है।
कुछ राजनीति तो कुछ समाजसेवी का भी ओढ़ रखा है चोला
जानकार बताते हैं यहां जुआ के फड की आड़ में चीनी समाजसेवा तो सरोज राजनीति का चोला ओढकर इस अवैध गतिविधियों में अपनी सहभागिता निभाते हैं। साथ ही यह बटुरा गांव सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण कभी पुलिस की कार्रवाई हो तो सीमा पार कर खुद को सुरक्षित बचाने का एक सुरक्षित पनाहगार भी बन जाता है। जिसके कारण यहां दोपहर से रात तक संचालित नामचीन जुआं फड़ में प्रतिदिन लाखों रुपए की नाल एवं ब्याज की वसूली हो रही है।,जिससे नगर के व्यापारी, कॉलरी कर्मचारी एवं किसानों के परिवार बरबाद हो रहे है। लम्बे समय से संचालित जुआं फड़ में ही आधा दर्जन से ज्यादा सूदखोर सक्रिय रहते हैं जो हारे हुए जुआडिय़ों को चैन,अंगूठी एवं गाड़ी को गहन रखकर दस प्रतिशत प्रतिदिन ब्याज की दर से उधार देकर जुआ खिलावाने प्रोत्साहित करते हैं।
वर्सन:
जो लोग भी सीमा का फायदा उठाकर गलत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अनुराग शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी)शहडोल जोन
इस मामले में जानकारी लेकर जल्द ही कार्रवाई करवाता हूं, जिले के सभी थानों को पूर्व में ही निर्देशित किया गया है कि क्षेत्र में कोई भी अवैध गतिविधियां संचालित नहीं होगी।