सरगुजा संभाग

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना बना कमाई का जरिया

भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:- इन दिनों सूरजपुर जिले के विभिन्न स्कूलों में मरम्मत व अतिरिक्त कक्ष कार्य प्रगतिरत है,लेकिन मरम्मत निर्माण कार्य में नियमों को ताक में रखकर ठेकेदार गुणवत्ता विहीन मरम्मत कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जिले में सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है ठेकेदार द्वारा भारी अनियमितता बरती जा रही है सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर रहा है काम चाहे ग्राम पंचायत स्तर का हो या पीडब्ल्यूडी व आरईस,एस एम सी,या हाउसिंग बोर्ड का हो चाहे दुसरे भी विभाग से जुड़ा हो क्षेत्र में सरकारी खजाने से कराए जा रहे ज्यादा निर्माण कार्य जिम्मेदार अफसर की अनदेखी से गुणवत्ता को ताक पर रखकर भारी अनियमितता तरीके से हो रहे हैं, कितने भ्रष्टाचार पहले भी उजागर हुए लेकिन न ही पूर्ववर्ती सरकार ने इसकी जांच ओर  कार्यवाही की जरूरत समझी न वर्तमान सरकार को कोई लेना देना है। इससे  पता चलता है कि निर्माण कार्य धन उगलने वाली ऐसी संस्था है जिसके माध्यम से सत्ता और विभाग के लोग अपना हित साध सके। विपक्ष के लोग बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं सत्ता पक्ष के लोग कर्मचारियों को तमाम तरह की छूट दे रखी है ताकि वह कमाई कर अपना जेब भर सके और उनका भी जेब भरे। और तमाम भ्रष्टाचार ठेकेदार के साथ गांठ से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना बना कमाई का जरिया

मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत किए जा रहे जिर्णोधार में प्राथमिक, पूर्व,माध्यमिक हाई स्कूलों में पक्की पक्की छत कक्षा में टाइल्स और शाला परिसर में पेवर ब्लॉक के साथ रंग-रोदन का कार्य किया जाना है जिससे शेरों के साथ-साथ गांव के भी स्कूल को आकर्षक बनाने का उद्देश्य है,लेकिन मुख्यमंत्री की यह सोच को धरातल पर उनके ही नुमाइंदे अधिकारी/कर्मचारी नेताओं की मिली भगत से पानी फिरता नजर आ रहा है, मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना इन दिनों कमाई का बढ़िया जरिया बन गया है जिसको जैसे बन रहा है लूट रहे हैं सूरजपुर जिले में लगभग 200 निर्माण कार्य मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत स्वीकृत है जिसमें 90 RES को, 60 हाउसिंग बोर्ड को, 30 एसएमसी और 25 पीडब्ल्यूडी को मिला है जिसमें 2 लाख के अंदर का काम एसएमसी को, 2 से 5 लाख के अंदर का काम Res को 4 से 7 लाख के अंदर का काम हाउसिंग बोर्ड को और 7से 11 लाख से ऊपर का का कार्य पीडब्लयूडी को मिला है जिसमें एक अतिरिक्त कक्ष भी बनाना है। और अधिकांश जगहों पर एक माह से ज्यादा दिन स्कूल खुले हो गए कार्य अधूरा ही है आखिर इसका जिम्मेदार कौन…?

कार्यस्थल में सूचना पटल नहीं लगाया गया है आखिर क्यों

सूरजपुर जिले में जितने भी स्कूलों में निर्माण कर चल रहे हैं  ग्रामीणों को पता ही नहीं है कि किस विभाग का है तथा कितने राशि का है । जबकि नियमानुसार किसी भी निर्माण कार्य को प्रारंभ करने से पहले कार्यस्थल में सूचना पटल लगाया जाता है लेकिन ठेकेदारों द्वारा निर्माण कार्य से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई है जिससे लोगों को कोई जानकारी नहीं मिल रही है वहीं विभाग के अधिकारी भी ईस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे ठेकेदार निर्माण कार्य को मनमानी ढंग से कर रहे हैं।

भारत सम्मान की टीम जब धरातल पर स्थित का जायजा लेने पहुंची तो किसी भी निर्माण स्थल पर सूचना पटल नहीं मिला, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सलका अधिना मे पता चला कि छत के उपर प्लास्टिक की पतली जाली बिछाकर सीमेंट का घोला मार दिया गया है, जो हल्की बारिश में सीपेज मार रहा है, खिड़की दरवाजा जो लगा है अत्यंत घटिया स्तर का लगा है, जो हल्के प्रहार से टूट सकता है,सिंगल लेयर से पुट्टी किया गया है। माध्यमिक शाला चंद्रपुर में एक ट्रैक्टर गिट्टी और दो ट्रैक्टर बालू से काम पूरा कर दिया गया है बेरिंग कोर्ट में नाम मात्र छड़ डाला गया है, फर्श को घटिया मसाला से प्लास्टर कर दिया गया है जो अभी से टूट रहा है बेरिंग कोर्ट के बाद पानी नहीं डाला गया है, प्राथमिक शाला चंद्रपुर मे सिट लगाया गया था जो पूरी तरह से टूट रहा है, शिक्षको ने बताया कि हमने कर्य अपूर्ण की जानकारी कई बार भेजी है किन्तु दोबारा ठेकेदार बनने नहीं आया, न कोई अधिकारी देखने आए,माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक पाठशाला डगमाला पारा में बिना छड़ के बेरिंग कोड कर दिया गया है फर्श को घटिया स्तर मे प्लास्टर किया गया है जो अभी से टूट रहा है बेरिंग कोर्ट के बाद पानी नहीं डाला गया है, फर्श भी जगह-जगह टूट रहा है, सिंगल लेयर में फोटो खींचने के लिए पुटी मार दिया गया है,वही हाल कन्या माध्यमिक शाला सलका का है ढाई ढाई फीट में छड़ रखकर बेरिंग कोड कर दिया गया है, बनने के बाद पानी तराई नहीं किया गया जिससे कोई मजबूती नहीं है।

सभी जगह इतना घटिया स्तर का काम हुआ है और अभी तक इस पर ना कोई अधिकारी की नजर पड़ा है और ना किसी नेता का नजर पड़ा है, और संबंधित अधिकारी कान में  तेल डाल लिए है। आखीर ये सब हो क्या रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी को मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना का मॉनिटरी सक्षम अधिकारी से करना होगा नहीं तो पूर्ववती कांग्रेस की सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में जिस तरीके से जनता ने बाहर का रास्ता दिखाया है आने वाले समय में आपको भी दिखा सकती है क्योंकि जनता कहती नहीं वक्त आने पर करके दिखाती है।

Bharat Samman

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