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नाराजगी : सड़क में अधिग्रहित जमीन का नहीं मिला मुआवजा…मुआवजे की मांग पर ग्रामीणों ने चक्काजाम कर किया प्रदर्शन…

लैलूंगा। बाकारूमा से लेकर लैलूंगा तक सड़क का निर्माण 2021 से कराया जा रहा है। इसमें बगुडेगा से लेकर राजपुर, सलखिया, खम्हार के ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहित की गई है। किसानों को जमीन का मुआवजा देने आश्वासन दिया गया, लेकिन आजपर्यंत तक मुआवजा नहीं मिला। मुआवजा नहीं मिलने के कारण सड़क का निर्माण भी अधूरा है। इसको लेकर अधिग्रहित की गई जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर शनिवार की सुबह 8 बजे से बगुडेगा एवं खम्हार में ग्रामीणों ने आर्थिक नाकेबंदी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।

मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर नायब तहसीलदार हिमांशु सिंह पहुंचे, लेकिन अक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें अपने उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाकर लिखित अश्वावसन देने की बात कह कर उनको बैरंग लौटा दिया। साथ ही प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण का जहां मुआवजा नहीं मिला है। वहीं उक्त स्थान पर किए जाने वाले सड़क निर्माण अधूरा व गुणवत्ताहीन है।

आक्रोश जताते हुए  ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि करीब 3-4 साल से सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसमें जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। ग्रामीण जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक ज्ञापन दे चुके हैं। इसके बाद भी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ है।यहीं कारण है कि निर्माण पूरा ही नहीं हुआ है और सड़के उखड़ने लगी है।

ग्रामीणों के समर्थन में क्षेत्र के पूर्व विधायक हृदयराम राठिया भी मौके पर मौजूद थे।मिला। लोगों का कहना है कि उनकी जमीन का मुआवजा प्रशासनिक दांव- पेचों में उलझकर रह गया है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस मामले में हाल ही में काफी संख्या में एसडीएम गुप्ता से मुलाकात करके जल्द मुआवजा राशि दिलाने निवेदन करने गए थे। इस समय प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि उच्च अधिकारी के लिखित आश्वासन के बाद ही चक्काजाम खोला जाएगा। सुबह से आर्थिक नाकेबंदी के कारण बड़े मालवाहक वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है। इससे उक्त मार्ग पर सफर करने वाले राहगीर को काफी परेशान होना पड़ रहा है।

एसडीएम ने सप्ताह भर का समय मांगा गया था जिसमे ग्रामीणों ने उन्हें 15 दिन का समय देकर मुआवजा दिलाने की अपील की थी, लेकिन तीन माह बीतने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला।

Bharat Samman

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