रायगढ़

लैलूंगा : कलेक्टर के आदेशों / निर्देशों की जनपद पंचायत लैलूंगा उड़ा रहा धज्जियां…

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◆ क्या फ़र्ज़ी आंकड़े दिखाए गए रिपोर्ट में?… ग्राम पंचायत केराबहार भरष्टाचारिता में जिले के प्रमुख पंचायतो में शामिल?…

◆ फ़र्ज़ी GST मामले में अगर सही जांच हुई तो जनपद पंचायत लैलूंगा अंतर्गत 80 % ग्राम पंचायत में होगा करोड़ो का फर्जीवाड़ा उजागर कई रसूखदार जा सकते हैं सलाखों के पीछे?…

रायगढ़। जिले के लैलूंगा तहसील अंतर्गत इन दिनों अनियमितताओं का तांता लगा हुआ है जहाँ बिना निर्माण कार्य किये ही पुनर्निर्माण के लिए लाखों रुपये आहरित करने के मामला सामने आया है।

जनपद पंचायत सीईओ लैलूंगा द्वारा ग्राम पंचायत को जारी पत्र…

आपको बता दे कि जनपद लैलूंगा सीईओ ने कार्यालयीन कलेक्टर (आदि. वि. शाखा) रायगढ़ का नोटिस क्रमांक / 1120/दिनांक 04.07.2023 एवं कार्यालयीन पत्र क्रमांक /698/दिनांक 10.07.2023 संदर्भित पत्र के द्वारा कारण नोटिस के माध्यम से कहा गया कि आपको निर्देशित करने के बावदूज आज तक आपके द्वारा कार्य पूर्ण नहीं कराया गया है, जो अत्यंत खेद का विषय है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 प्रारंभ होने के साथ-साथ वर्षा ऋतु भी प्रारम्भ हो चुका है, ऐसी स्थिति में छात्रावास / आश्रमों में निवासरत छात्र/छात्राओं को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

विशेष रूप से छात्रावास/आश्रम जिर्णोधार स्वीकृत कार्यों की समीक्षा माननीय मंत्री जी छ.ग. शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा दिनांक 26.07.2023 को बिलासपुर में समीक्षा ली गई जिसमें उपरोक्त कार्य समय पर पूर्ण नहीं करने के कारण अत्यंत नाराजगी व्यक्त कर दिनांक 30.07.2023 तक अनवार्य रूप से पूर्ण करने के लिये शख्त निर्देश दिये है। सरपंच/सचिव, ग्राम पंचायत केराबहार, राजपुर, बसंतपुर तीनो पंचायतों को आदेश जारी किया गया था।आपको बता दें कि अक्टूबर 2023 में ग्राम पंचायत केराबहार ने चाहत कुमार अग्रवाल व दशरथ पटेल के नाम पुनर्निमाण हेतु लाखों रुपये देने का अपने वाउचर में जिक्र किया है। जो कि आदिवासी बालक छात्रावास व कन्या छात्रावास पुनर्निर्माण के लिए शाशन द्वारा निर्धारित किया गया था। ऐसे में प्राप्त जानकारी अनुसार जब निर्माण ही नहीं हुआ तो पुनर्निर्माण के लिए मद जारी आखिर कैसे हुआ; यह भी पंचायत के लिए अपने आप मे एक सवाल है।

वहीं जब हमारी की टीम मौके पर मुआयना करने पहुचीं तो ग्रामीणों ने बताया कि बनेकेला में छात्रावास जैसी कोई जगह ही नहीं देखी है जहां छात्रावास बना हो न ही केराबहार में और न ही आश्रित गांव में बनी है। ग्रामीणों से बयान लेने के बाद जब टीम ने ग्राम पंचायत सचिव जुलियस टोप्पो से संपर्क किया गया तो उन्होंने ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक रामचरण पटेल से बात करने को कह दिया।

आपको बता दें कि जब टीम ने रामचरण पटेल से संपर्क किया तो अजीबोगरीब मामला सामने आया जहां बताया गया कि जनपद सीईओ लैलूंगा के कहने पर राशि अन्यत्र खर्च की गई है।

ऐसे में खबर प्रकाशित होने के बाद देखने वाली बात होगी कि ऐसे बड़े भ्र्ष्टाचार भरे गोरखधंधे को रोकने प्रशासन किस प्रकार की कार्यवाही करती है।

Bharat Samman

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