प्रतापपुर धान खरीदी केंद्र में भारी अनियमिता समिति प्रबंधक के तानाशाही से किसान रो रहे खून के आंसू

भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:-जिले के प्रतापपुर धान खरीदी केंद्र में किसानों के साथ छल वहीं जिले की निगरानी समिति दल जो जांच के के लिए बनाया गया है ताकि किसानों के साथ अन्याय ना हो और किसान अपने धान अच्छे से बेच सकें लेकिन प्रतापपुर खरीदी केंद्र में भारी अनियमिता देखने को मिल रही है जहां किसानों से ही मंडी का संपूर्ण कार्य करवाया जा रहा है चाहे हमाली का कार्य हो या हो धान का वजन में सभी में किसानों के हक को मारकर समिति प्रबंधक मोटा पैसा कमाने की फिराक में है जहा प्रबंधक किसानों का कर रहा शोषण जिसका पूर्व में खबर प्रकाशन के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा चुप्पी साध ली गई है जहां अब तक सुध भी लेना जरूरी नहीं समझा गया।

किसानों के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुए स्थानीय पत्रकारों के द्वारा लगातार खबर प्रकाशन किया गया लेकिन ना तो निगरानी जांच समिति के द्वारा संबंधित समिति प्रबंधक के ऊपर कोई ठोस कार्यवाही करना तो दूर की बात वहां निगरानी समिति के द्वारा सुध लेना भी जरूरी नहीं समझा गया ना ही किसी प्रकार से किसानों से वार्तालाप कर समस्याओं को जानना भी उचित समझा गया।हम किसानों से प्रतिबोरी 41किलो 200 ग्राम के हिसाब से धान लिया गया जो शासन प्रशासन के नियम के विरुद्ध है हम किसानों के द्वारा कई बार समिति प्रबंधक को बोले कि धान तो 40 किलो 600 ग्राम ही देना है जो नियम के अंतर्गत है लेकिन समिति प्रबंधक के द्वारा कहा गया कि अगर आप लोगों को धान बेचना है तो 41 किलो 200 ग्राम देना ही पड़ेगा नहीं तो धान नहीं खरीदूंगा जिसको लेकर खबर प्रशासन भी हुआ था लेकिन संबंधित समिति प्रबंधक के ऊपर कार्यवाही ना होना यह दर्शाता है की जिले की जांच करता निगरानी समिति को सिर्फ मोटा कमिशन से मतलब है किसानों के प्रति किसी प्रकार से कोई सहानुभूति नहीं।

हम किसानों से प्रतिबोरी 41किलो 200 ग्राम के हिसाब से धान लिया गया जो शासन प्रशासन के नियम के विरुद्ध है हम किसानों के द्वारा कई बार समिति प्रबंधक को बोले कि धान तो 40 किलो 600 ग्राम ही देना है जो नियम के अंतर्गत है लेकिन समिति प्रबंधक के द्वारा कहा गया कि अगर आप लोगों को धान बेचना है तो 41 किलो 200 ग्राम देना ही पड़ेगा नहीं तो धान नहीं खरीदूंगा जिसको लेकर खबर प्रशासन भी हुआ था लेकिन संबंधित समिति प्रबंधक के ऊपर कार्यवाही ना होना यह दर्शाता है की जिले की जांच करता निगरानी समिति को सिर्फ मोटा कमिशन से मतलब है किसानों के प्रति किसी प्रकार से कोई सहानुभूति नहीं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर प्रशासन के द्वारा प्रतापपुर धान खरीदी केंद्र का निष्पक्ष और पारदर्शिता जांच हो तो लाखों, करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है क्योंकि जब से धान खरीदी आरंभ हुआ है तब से बिचौलियों का बराबर धान खरीदी केंद्र में आना-जाना लगा रहता है जिसको लेकर यह कयास लगाया जा रहा की घोटाला बड़े पैमाने का होने की आशंका जिसको देखते हुए शासन प्रशासन को हो रहा है भारी नुकसान। लगातार धान खरीदी केन्द्रों में किसान धान खरीदी को लेकर कई समस्याओं से ग्रसित है जिसका अखबारों के माध्यम से लगातार संबंधित अधिकारियों के समक्ष उजागर किया जा रहा है लेकिन स्थानीय सहित जिला के संबंधित अधिकारियों के द्वारा सुध लेना तो दूर की बात…. संबंधित अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करने में लगे हुए है।