विश्व मत्स्यिकी दिवस के अवसर पर विशाल मछुआरा सम्मेलन कार्यक्रम बिलासपुर में

भारत सम्मान/सूरजपुर/युसूफ मोमिन:- विश्व मत्स्यिकी दिवस के अवसर पर विशाल मछुआरा सम्मेलन कार्यक्रम बाजपेयी मैदान, प्रताप चौक, तिलक नगर, राम मंदिर के सामने, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) दिनांक 21 नवंबर 2024, दिन-गुरूवार, समय-प्रातः 11.30 बजे से किया जा रहा हैं वहीं परमेश्वर कुमार नाविक जिलाअध्यक्ष (सहसचिव छ ग़ प्रदेश स्तर)मछुआ केवट समाज जिला सूरजपुर ने उक्त कार्यक्रम में समाज के लोगों को आमंत्रित कहा की स्वजातीय स्वजनो आपको आमंत्रित करते हुए अत्यंत ही हर्ष हो रहा है कि, छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ के बैनर तले आगामी 21 नवंबर 2024 को बाजपेयी मैदान, बिलासपुर में प्रातः 11.30 बजे से छठवां विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर विशाल मछुआरा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। साथियों विदित हो कि मछुआ महासंघ प्रारंभ से ही अपनी दो प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलनरत है।

जिसमें पहली मांग कांग्रेस के शासनकाल में नवीन मछली नीति कृषि को दर्जा के साथ लागू हो चुका है और हमारी दूसरी महत्वपूर्ण मांग मछुआरा समाज के केवट, धीवर, कहार, कहरा, मल्लाह जाति को अनुसूचित जनजाति को दर्जा दिलाना पूर्व में 8 मई 2008 को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा अपने कैबिनेट में उक्त जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर केन्द्र शासन को भेजा था किंतु गलत निरजाति सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजे जाने के कारण केन्द्र शासन द्वारा पुनः सुधार के लिए वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ शासन को वापिस किया गया था जिसे सुधार कर तत्कालिक सरकार से दोबारा भेजने के लिए आग्रह किया गया किंतु छत्तीसगढ़ शासन से रिपोर्ट नहीं जाने के कारण आज भी प्रकरण लंबित है। 7 जनवरी 1950 को भारत शासन द्वारा प्रकाशित राजपत्र में माझी के अंतर्गत केवट, मल्लाह, भोई, ढीमर को संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप आरक्षण दिया गया था।

जिसे बाद में विलोपित करदिया गया इसे विलोपित करने के पीछे राजनीतिक षडयंत्र हमारे सामाजिक नेताओं के पास इससे होने वाले लाभ की अनभिज्ञता समाज का टुकड़े टुकड़े में विभाजित होना जिसके कारण आज तक आरक्षण का लाभ मछुआरा समाज को नहीं मिल सका अब समय आ गया है एक बार पुनः सड़क से सदन तक की लड़ाई के लिए अपनी संगठित शक्ति का परिचय देने का महासंघ के बैनर तले मछुआरा सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में स्वजातीय बंधु उपस्थित होवे बैठक कार्यक्रम पश्चात् शांतिपूर्ण रैली निकाला जाएगा जो बिलासपुर के सड़क चौक चौराहा का भ्रमण करते हुएअंत में मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा। अतः छत्तीसगढ़ के समस्त जिला एवं क्षेत्र में निवास करने वाले हमारे मछुआरा भाइयों बहनों वरिष्ठ जनों प्रबुद्धजनों युवा साथियों से अपील है, कि अपने हक व अधिकार के लिए 21 नवंबर 2024 को अधिक से अधिक संख्या में बिलासपुर पहुंचकर मछुआरा सम्मेलन सफल बनाएँ।