ट्रिपल इंजन की सरकार में भी नहीं मिल रहा लोगों को पीने का पानी

पार्षदों ने नहीं खुलने दिया नगर पंचायत कार्यालय का ताला।
तत्काल व्यवस्था की शर्त पर खुला कार्यालय।
भारत सम्मान/सूरजपुर/ फिरोज खान:- नगर पंचायत जरही में गर्मी शुरू होते ही पेय जल की किल्लत दिखने लगी है पेयजल की किल्लत को लेकर निर्दलीय पार्षद एवं वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद के द्वारा नगर पंचायत कार्यालय को गुरुवार को खुलने नहीं दिया गया इसके बाद नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी बाहर ही खड़े रहे। तुरंत पानी की व्यवस्था करने की शर्त पर पार्षदों ने नगर पंचायत का ताला खोलने दिया। मिली जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद सियाराम राजवाड़े और वार्ड क्रमांक 3 के निर्दलीय पार्षद रामकुमार राजवाड़े पेयजल की समस्या को लेकर नगर पंचायत कार्यालय में पहुंचे हुए थे वहां उन्होंने नगर पंचायत के गेट का ताला तब तक खोलना नहीं दिया जब तक की आधिकारी कर्मचारी वहां उपस्थित होकर वार्ड में पानी की व्यवस्था तुरन्त करने का आश्वासन नहीं दिया तत्काल हैंडपंप का काम करने की शर्त पर नगर पंचायत कार्यालय का ताला पार्षदों ने खोलने दिया गया।

वार्ड क्रमांक 2 के हैंड पंप के खराब होने को लेकर के पार्षदों द्वारा सीएमओ से शिकायत की गई थी जिसके बाद नगर पंचायत सीएमओ द्वारा हैंडपंप को बनवाने में लेट लतीफी को लेकर के दोनों पार्षद नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे और उन्होंने मुख्य द्वार का ताला खोलने नहीं दिया सीएमओ और कर्मचारियों को ताला खुलने तक नगर पंचायत के बाहर ही खड़ा रहना पड़ा वही इस पर सीएमओ से उनका पक्ष जानने के लिए लगातार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
विधायक के सारे दावे खोखले।
बड़ा प्रश्न यह है कि पार्षदों द्वारा तालाबंदी की गई जबकि भाजपा के अध्यक्ष नगर पंचायत जरही में काबिज हैं और क्षेत्र की विधायक भी भाजपा की ही हैं ऐसे में ट्रिपल इंजन सरकार होने होने के बाद क्षेत्र में विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। पीने के पानी को लेकर के पार्षदों को कार्यालय बंद करना पड़ रहा हो तो अन्य कार्यों के लिए जनता किसके सामने गुहार लगाएगी प्रतापपुर विधानसभा के विधायक द्वारा चुनाव के समय ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए लोगों से वोट मांगा गया था ताकि क्षेत्र का विकास कर सकें लेकिन यहां तो विधायक मैडम के सारे दावे सिर्फ दावे ही नजर आ रहे हैं जमीनी स्तर पर लड़ झगड़कर लोगों को पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है।
