कोयला उत्पादन में रचा नया इतिहास-एसईसीएल भटगांव क्षेत्र
जबकि जमीनी हकीकत कुछ ओर कर रही है ब्या।
भ्रामक खबर छपवा लोगों को गुमराह कर रहे है जिम्मेदार।
पत्रकारिता की आड़ में कतिपय पोषित पत्रकार एसईसीएल का झूठी गुणगान कर पा रहे हैं भरण पोषण।
भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:- कोयला उत्पादन में एसईसीएल भटगांव क्षेत्र ने रचा इतिहास के नाम पर सुर्खिया बटोरने में लगा भटगांव क्षेत्र, पर यथार्थ सच यही है की कोयला में मिलावट का खेल जिस स्तर पर भटगांव क्षेत्र में प्रबंधन के द्वारा कराया जा रहा है वह भी आज से पहले एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में किसी महाप्रबंधक ने इस स्तर पर नहीं करवाया होगा।
2024 इतिहास के पन्नों पर दर्ज एसईसीएल भटगांव।
वर्ष 2024 एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के इतिहास में इसलिए भी दर्ज होगा की इस क्षेत्र में कोयले के असीमित भंडार होने के बावजूद इस क्षेत्र के लगभग 3 से 4 बड़ी कोयला खदानें बंद हो गई है किसी खान का CTO समाप्त हो जाने के कारण बंद होना बताया गया तो कुछ खान में संसाधनों की कमी बतलाई गई कारण जो भी हो पर वर्ष 2024 में भटगांव क्षेत्र के नवापारा यूजी माइंस, शिवानी भूमिगत परियोजना के अलावा अक्टूबर माह के बाद भटगांव क्षेत्र के सबसे पुराने खदान भटगांव 1/2 भूमिगत खान भी CTO के समाप्ति के कारण बंद होने के कगार पर है।
एसईसीएल भटगांव के हजारों कर्मचारी होंगे इधर से उधर।
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के 1/2 खान क्षेत्र में कार्यरत हजारों कर्मचारियों को उनके कार्य स्थल से प्रबंधन उठाकर ना जाने कहां-कहां पर स्थानांतरण करेगी कितने कर्मचारी के बच्चे जिनकी शिक्षा भटगांव क्षेत्र में चल रही है वह प्रभावित होंगे ऐसे ना जाने हजारों संख्या में छोटे कर्मचारी व मजदूरों को कई समस्या उठानी पड़ेगी साथ ही ठेकेदारी मजदूरों से उनका रोजगार छिन जाएगा जिसका कारण एसईसीएल भटगांव में बढ़ रहा भ्रष्टाचार व अफसरों की मनमानी है।क्या उत्पादन के नाम पर हो रहा है मिलावट ?
क्या उत्पादन के नाम पर हो रहा है मिलावट ?
उत्पादन के नाम पर जिस स्तर पर भटगांव क्षेत्र में कोयले में प्रतिदिन मिलावट का खेल हो रहा है वह किसी से छुपा नहीं है भटगांव 1/2 भूमिगत खदान में ही एक पैनल 7LS/UPP (सात लेवल साउथ ऊपरी तल्ला) सहित कई पैनलों से सिर्फ पत्थरों में ब्लास्टिंग कराकर उत्पादन कराया जाता है फिर उस कोयले में मिलावट करा सीएचपी तक पहुंचाया जाता है यह लंबे समय से चल रहा है।
क्या काम होता है सीएचपी में डोजर का ?
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के सीएचपी में डोजर BD – 155 जो काफी वक्त से मौजूद है उससे पत्थर को क्रश कर कर कोयले में मिलावट कराया जाता है जिसका फोटो वीडियो भी मौजूद है। डोजर की आवश्यकता किसी भी खुली खदान में होती है जिसका कार्य बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए O B मैं मौजूद होती है उसे हटाने का होता है। महाप्रबंधक भटगांव क्या इस प्रकार के उत्पादन व नए कीर्तिमान जो स्थापित कर रहे हैं इस पर भी कभी कोई प्रतिक्रिया देंगे जहां उत्पादन के साथ-साथ प्रबंधक को यह जवाब भी देना चाहिए की महान वन OCM में विगत 4 से 5 महीना होने के बावजूद बिना कालरी मैनेजर के ही खान संचालित क्यों किया जा रहा है जहां एक ओवरमैन को खान प्रबंधन की प्रभार देकर रखा गया है इस कीर्तिमान पर आखिर महाप्रबंधक बयान कब जारी करेंगे ?
चोरों के द्वारा किया गया करोड़ों रुपए का लोहा,पार्ट्स पार।
महान वन में विगत 1 वर्ष से कई करोड़ रुपए का लोहा स्क्रैप व मशीनों के पार्ट्स की लगातार हो रही चोरी का जिम्मेदार कौन है। जहा प्रतिदिन हो रही चोरियो को रोकने के लिए कौन सा कारगर कदम महाप्रबंधक भटगांव द्वारा उठाया जा रहा है जहा इसी सप्ताह महान वन में खड़े कई टावर जो पुराने समय से लगे हुए थे उन्हें चोरों द्वारा खदान परिसर से चोरी कर लिया गया जिस लोहे की कीमत लाखों रुपए में होगी वह कैसे चोरी हुआ जबकि वहां तीनों शिफ्ट में कर्मचारी की ड्यूटी प्रबंधन द्वारा लगाया है और महाप्रबंधक के पसंदीदा लोग वहा अपनी नौकरी पका रहे हैं इस विषय पर पूर्व में भी समाचार लगाया गया था।क्या रचा जा रहा है चोरी में नया कीर्तिमान।
क्या रचा जा रहा है चोरी में नया कीर्तिमान।
सच यह है कि लोहा चोरी का जो नंगा खेल भटगांव एसईसीएल क्षेत्र में खेला जा रहा है उसमें शामिल व्हाइट कालर व बड़े-बड़े नाम है जो दिन में तो बड़े-बड़े नामी लोग हैं पर रात में खड़े हो कर चोरी करते हैं। महान खदान से ही वर्ष 2024 में करोड़ों रुपए का लोहा चोरी हो चुका है जिसमे HEMM (मशीनों के पार्ट्स) से लेकर गैस कटर से काटकर खड़े टैंकर, ड्रिल मशीन, डंपर व गेट एंड बॉक्स, स्वीप टावर, मोटर सहित बेशकीमती सामानों को उप क्षेत्रीय प्रबंधक महान OCM कार्यालय स्टोर वर्कशॉप तक प्रतिदिन वाहन लेकर कर आते हैं व लोड करके चले जाते हैं यह बिना मिली भगत के कैसे संभव है क्या और कब इस महान कीर्तिमान के संदर्भ में बयान जारी करेंगे महाप्रबंधक भटगांव ?
पत्रकारिता की आड़ में कतिपय पोषित पत्रकार एसईसीएल का झूठी गुणगान कर पा रहे हैं भरण पोषण।
इन दिनों तथा कथित एसईसीएल के कुछ पोषित पत्रकार एसईसीएल से हो रही चोरी भ्रष्टाचार को जानते हुए भी एसईसीएल के खिलाफ आवाज बुलंद करने में भय खा रहे हैं सुत्रों से जानकारी मिली है कि अगर ये एसईसीएल के खिलाफ कुछ भी लिखेंगे तो इनकी रोजी-रोटी बंद हो जाएगी इसलिए वे एसईसीएल की गुणगान करने में नहीं थक रहे हैं।
जनहित के मुद्दे उठाने वाले पत्रकारों को बदनाम करने तथा- कथित पत्रकार कर रहे है एसईसीएल के चरण वंदन।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि बदले में उन्हें भरण पोषण एसईसीएल देती है, जो पत्रकार एसईसीएल के काले कारनामे को लिखता है भ्रष्टाचार, मजदूरों के शोषण को आम लोगों के समक्ष उजागर करता है उन्हीं के खिलाफ एसईसीएल के पोषित पत्रकार अनर्गल बातें प्रकाशित कर सुर्खियों में बने रहते है, जिससे उसकी चाटुकारिता चरण वंदन पर एसईसीएल के अधिकारियों का नजरे करम ईनायत है।पत्रकारिता वर्तमान में बना एक बड़ा व्यवसाय।
पत्रकारिता वर्तमान में बना एक बड़ा व्यवसाय।
पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना जानकारी एकत्रित करके पहुंचना होता है परंतु आज पत्रकारिता के गिरते स्तर ने तलवे चाटने वाले पत्रकारों की एक नई फौज खड़ी कर दी है जो समाज को दिमक की तरह अंदर ही अंदर खोखला कर दे रही है जिसका उदाहरण एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में देखने को मिल रहा है, जहा एसईसीएल का इस तरह पक्ष लेकर उनकी तारीफ में कसीदे लिखते हैं कि जैसे वह कलमकार ना होकर पैरवी करने वाले वकील हो आज के परिवेश में पत्रकारिता को नुकसान पहुंचाने वाली चापलुसी भी इस पेशे में धीरे-धीरे नासूर बन रही है जो इसे रसातल में ले जाएगी।
सच्चे पत्रकारों के ईमानदारी की चढ़ रही बली।
कुछ पत्रकार सच्चाई और ईमानदारी के साथ एसईसीएल के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं उन पत्रकारों में सच्चाई और ईमानदारी के साथ खुद्दारी होती है लेकिन कुछ तथा- कथित पत्रकार जो जी हजूरी और दलाली में संलीप्त हैं वह अपनी जमीर को खूंटी में टांग दिए हैं ऐसे भाड़ पत्रकार की वजह से ही सच्चे पत्रकारों को अपनी पत्रकारिता की कुर्बानी देनी पड़ रही है।