वर्ष 2023-24 सत्र के लिए एसईसीएल कंपनी को मिला स्थान का पुरस्कार

जबकि धरातल पर यथार्थ सच देखे तो वर्ष 2023-24 में एसईसीएल भटगांव नामी कोयला खदान जो वर्षों से उत्पाद दे रही थी जो हुई बंद।
भारत सम्मान/भटगांव/ फिरोज खान:- जिले के भटगांव एसईसीएल क्षेत्र अंतर्गत लगातार वर्षों से उत्पादन देने वाले नामी खदान लगातार बंद होते रहे और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को हावी होने दिया जिसके कारण आज तक कई ऐसे खदान है जो अपने वजूद का रोना रो रहे है लेकिन महाप्रबंधक भटगांव फेयरवेल पार्टी मानने में व्यस्त रहे और देखते ही देखते मानो रिटायरमेंट के करीब पहुंचने को है लेकिन अपने कार्यकाल में एक नया खदान नहीं खुलवा पाए लेकिन फिर भी बेस्ट जीएम का अवॉर्ड मिलना लाज़मी है क्योंकि याराना जो एसईसीएल प्रमुख है जहां कई शिकायतों के बाद भी एक जांच एजेंसी तक एंट्री नहीं कर पाई भटगांव कोयला खदान अंतर्गत फिर कार्यवाही की बात तो दूर ही है तो क्या इन कार्यों के लिए भी एसईसीएल प्रमुख महाप्रबंधक भटगांव को अवॉड से नवाजेंगे ?

भटगांव क्षेत्र में सैकडो के तादाद में कर्मचारी है जिनका डेजीगनेशन जो निर्धारित है उस पर कार्य न कर अधिकारियों को कमीशन, घुस, रिश्वत व चममागिरी वाले गुणों से खुश कर वास्तविक डेजीगनेशन (पद) से हटकर मलाईदार जगहों पर कार्यरत है कर्मचारी। एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार की मेहरबानी से एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में चहेतों की बल्ले बल्ले है जहा चहेतों को महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार मानों उनके मन मुताबिक कार्य सौंपने में पीछे नहीं हट रहे है जैसे की ट्रिपमैने कार्य उनका किसी भी ओपन कास्ट माईनस में ट्रिप की गिनती करना है जो ट्रकों व हालपेक डंपरो आदि से माइनिंग कार्यों में होता है। पर यहा भटगाँव क्षेत्र में कुछ, हाजिरी बाबू (टाईम कीपर), बिलिंग बाबू (विलिंग क्लई) व रेस्टहाऊस कीपर जैसे पदों पर बिना कोई क्लर्क का परीक्षा पास किये ही इतने संवेदनशील पदों पर कार्यरत है वो भी कई वर्षों से।
यह देखा जाए तो CMR-1957/2017 DGMS के कानूनों का वयलेशन है तथा उस पर साबित होने पर दण्डनीय अपराध व सजा का प्रावधान है। परंतु DGMS/DDMS के समक्ष लिखित शिकायतों जिनमें कर्मचारियों का नाम व उनका डेजीगनेशन सहित, सारी जानकारी देने के बाद भी कभी कार्यवाही का न होना तथा आज दिनांक तक वे सभी कर्मचारी वही उसी तरह दूसरे पदों पर कार्यरत है इससे यह समझा जा सकता है कि नियम कानूनों के प्रावधानों का कोई महत्व नहीं या यह सिर्फ दबे कुचले व गरीब मजदूरों के लिए सुनिश्चित है। बड़े दंबगो व रसूखदार लोग महाप्रबंधक से साठगाँठ व रिश्वत देकर जो चाहे वह कार्य कर रहे है जिन पर शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होता यह इन जैसे जांच एजेंसियों पर सवालिया निशान खड़ा करता है। एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में महाप्रबंधक प्रदीप कुमार द्वारा एक और सेवा भी अपने खास लोगों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

एक यूनियन के महामंत्री दुवारा अपने लेटर पैड में दूसरे यूनियन के महामंत्री के ऊपर बिना खदान आये घर से ही हाजिरी व बंद पड़े खदान नवापारा में चारो संडे, पी०एच०, ओ० टी०, व चार्जिंग एलाऊन्स जैसे लाभ मिलने के संबंध में रोष व्यन्त किया गया है तथा शिकायत पत्र में नामजद आरोप लगाया गया है। इससे सपष्ट है कि जायेगी। प्रदीप कुमार महाप्रबंधक भटगाव द्वारा इस क्षेत्र को चारागाह बना कर रख दिया गया है तथा जबसे प्रदीप कुमार एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के जीएम का पदभार संभाले है तब से भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी से लेकर कोयले में मिलावट, कोयले के बोडिंग में हेराफेरी, बंद खदानों से खुलेआम उत्पादन कराना, ठेकेदारी मजदूारों का फाल्स विलिंग से लेकर कमीशन खोरी कर पसंदीदा कर्मचारियों को व्यक्ति गत लाभ सहित नेताओं को घर बैठे हाजिरी सहित सभी लाभ ऐसे हजारों मामले यहाँ है जहां एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के महाप्रबंधक प्रदीप कुमार द्वारा किया जा रहा है तथा इनको एसईसीएल मुख्यालय के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा का खुला समर्थन प्राप्त होता दिखाई दे रहा है।
कोई भी जांच एजेंसी सुनने को तैयार नहीं कोई शिकायत सुनने को तैयार नहीं है चाहे वह एसईसीएल विजिलेंस हो या राज्य सरकारों की एजेंसी हो या फिर अन्य जांच एजेंसियां हो ऐसे सभी एजेंसियों को मानों एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के महाप्रबंधक प्रदीप कुमार शांत कर रखे हुए है। आखिर कब तक भटगांव क्षेत्र में मजदूरों के साथ इतना भेदभाव किया जायेगा यह समय के साथ ही पता चलेगा वही हालही में लगभग एक महीना पहले कई अधिकारियों की स्थानतरण थोक के भाव में हुआ था जिनमें से अधिकांश को आज तक रिलीज नहीं किया गया है जो कई वर्षों से एक ही स्थान पर पांव जमाए बैठे है मलाई खाते हुए।