सुरजपुर

मजबूत जन समर्थन के साथ सुष्मिता टोप्पो ने सरपंच पद के लिये  किया नामांकन दाखिल    

भारत सम्मान/सूरजपुर/युसूफ मोमिन:- त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन का बिगुल बज चुका है, और इसके साथ ही प्रत्याशियों की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। सरपंच पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रतापपुर ब्लॉक के  ग्राम पंचायत केवरा से एक नाम जो सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है, वह है सुष्मिता टोप्पो का। केवरा निवासी सुष्मिता टोप्पो अपनी साफ-सुथरी छवि के साथ शिक्षित उम्मीदवार के रूप में उभरी हैं ग्रामीण पृष्ठ भूमि  से ताल्लुक रखने वाली सुष्मिता टोप्पो ना केवल शिक्षित हैं बल्कि अपने अधिकारों और दायित्वओं के प्रति जागरूक हैं।

सुष्मिता टोप्पो के पिता शिवपाल टोप्पो की राजनीतिक पृष्ठभूमि और अनुभव।

सुष्मिता टोप्पो के पिता शिवपाल टोप्पो का नाम राजनीति में नया नहीं है। वह पहले भी इसी पंचायत में अपने पत्नी सुनीता टोप्पो को चुनाव लड़ाकर जीता चुके है। अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने जनता की समस्याओं को सुनने और समाधान करने में कोई कसर नहीं छोड़ा। चाहे वह किसानों की समस्या हो, युवाओं के रोजगार का मुद्दा हो या फिर गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी शिवपाल टोप्पो ने हर मोर्चे पर जनता का भरोसा जीता है  उनकी युवाओं के बिच लोकप्रियता और संगठनात्मक  अनुभव निश्चित रूप से  उनकी बेटी को मजबूत आधार प्रदान करती हैं इसी उम्मीद के साथ सैकड़ों ग्रामीणों के समर्थन और सहयोग से अपनी बेटी का नामांकन दाखिल कराया हैं की फिर से एक बार जनता का सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा।

क्या सुष्मिता टोप्पो बनेंगी गांव की नई आवाज?…


श्रीमती सुष्मिता टोप्पो की लोकप्रियता और जनहित के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने चुनावी परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। यदि ग्राम पंचायत केवरा के मतदाताओं ने सहयोग दिया तो यह स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत में चुनावी मुकाबला दिलचस्प और परिणामस्वरूप निर्णायक होगा।

उम्मीदवार और जनता की उम्मीदें….

ग्राम पंचायत की जनता एक ऐसे प्रतिनिधि की उम्मीद कर रही है जो उनकी समस्याओं को न केवल समझे, बल्कि उन्हें समाधान की दिशा में ले जाए। सुष्मिता टोप्पो की दावेदारी इस दिशा में उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। अब यह फैसला जनमत पर निर्भर करता है कि वह इस सशक्त और जनप्रिय उम्मीदवार को जनता सेवा का मौका देती है या नहीं।सुष्मिता टोप्पो की लोकप्रियता और उनकी समर्पित छवि पर जनता कितना भरोसा जताता है यह देखने वाली बात होंगी ग्राम पंचायत  की जनता की मांग और समर्थन को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि यदि उन्हें जनमत मिलता है, तो वह चुनावी समीकरणों को नए सिरे से परिभाषित कर सकती हैं।

Bharat Samman

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