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दो दिवसीय सत्संग में सद्गुरु जी ने मोक्ष की प्राप्ति एवम आशीर्वादी और वरदानी में अंतर बताया..

. रायपुर /भारत सम्मान.सदगुरु धाम आश्रम गौरखेड़ा तिल्दा में चल रहे दो दिवसीय सत्संग कार्यक्रम के पहले दिन सद्गुरु स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में बताया कि मोक्ष की प्राप्ति के लिए हमें वरदानी होना होगा ,सदगुरुदेव जी ने आशीर्वादी और वरदानी में अंतर बताते हुए कहा कि रावण, कंस आदि सब वरदानी थे इनको देवताओं से वरदान प्राप्त था और जो आशीर्वादी होते हैं जैसे राम,कृष्ण इन्हें अपने  सदगुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, इसी प्रकार रावण जैसे वरदानी से एक गुरु भक्त राम अपने गुरु का आशीर्वाद लिए भीड़ पड़ा और  अधर्म के प्रतीक रावण को नष्ट कर दिया और दिव्यता को प्राप्त हो सारे जगत में पूजित हो गए, आगे सद्गुरुदेव जी ने कहा कि इसी प्रकार जो  शिष्य सदगुरु  का आशीर्वाद प्राप्त करता है ,  शिष्य में दिव्यता आ जाती है वह शिष्य मोक्ष को उपलब्ध हो जाता है यही मुक्ति का एकमात्र तरीका है आगे सद्गुरुदेव जी ने बताया कि अभी हम महाराष्ट्र से आए हैं वहां पुनर्जन्म जानने  की साधना कराये , उन्होंने बताया कि एक भक्त को पूर्व जन्म में दिखा की वह जब दसवीं कक्षा में था तो बहुत सच बोलता था और पढ़ाई  में तेज नहीं था। दसवीं कक्षा में फेल हो गया तो सभी ने कहा कि अपने पिता को मत बताना लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया झूठ नहीं बोला और अपने पिता को बता दिया , उनके पिता ने रिजल्ट देखते ही उन्हें एक थप्पड़ लगाया वहीं टेबल था टेबल में गिरकर कील से उसके सिर में लगी और वह मर गया फिर उन्होंने पुनर्जन्म लिया । फिर वह पुनर्जन्म से ही झूठ बोलने लग गया ओर सच बोलने से डरता  रहा और आज तक वह अपने लाइफ सुधारने के लिए स्ट्रगल कर रहा है जिसे गुरुदेव जी ने पुनर्जन्म दिखाकर उन्हें इस संचित कर्मों से मुक्त किया इसी प्रकार गुरुदेव जी बताते हैं कि हम भी एक जन्म में किए गए गलतियों से लगातार भटकते रहते हैं और जहां हमें श्रद्धा करना चाहिए वहां अश्रध्दा कर लेते हैं ,जब सद्गुरु आता है तो सत्य कहता है और सत्य को हम स्वीकार नहीं करते, फिर उसे सद्गुरु के शरण में आने से चूक  जाते हैं और फंस जाते हैं, बाह्य आडंबरों में आगे सदगुरुदेव जी ने बताया कि किस प्रकार हम सेवा संघर्ष और साधना के द्वारा अपने जीवन को सफल बना सकते हैं| सदविप्र समाज सेवा के अध्यक्ष आचार्य हेमंत जी ने बताया की सदगुरुदेव जी निरंतर जगह-जगह भ्रमण करके अपने गुरु से प्राप्त आत्मज्ञान को बांट रहे हैं इसी कड़ी में 7 जनवरी को ब्रह्म दीक्षा प्रात: 9 बजे से ब्रह्म दीक्षा  हुआ, जिसमें गुरुदेव जी ब्रह्म दीक्षा के रुप उस आत्मज्ञान को प्राप्त करने की तकनीक प्रदान किये।अतः उन्होंने सभी जनमानस को इस ब्रह्मा दीक्षा को प्राप्त करने के लिए आवाहन किया है आगे सदगुरु कबीर सेना के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप नायक जी ने बताया कि सदगुरुदेव ने कबीर सेना की स्थापना समाज में व्याप्त कुप्रथा, भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए किया है अतः उन्होंने सभी लोगों से सद्गुरु कबीर सी से जुड़ने का आवाहन किया है
सदगुरु देव जी के आगे का कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 8 जनवरी और 9 जनवरी को गाड़ाडीह में दो दिवसीय सत्संग कार्यक्रम हेतु पाटन गाड़ाडीह के गुढ़ियारी में रहेंगे।

Bharat Samman

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