जंगलों में हो रही अंधाधुंध अवैध कटाई वन अमला नहीं बचा पा रही है वृक्षों को कौन है जिम्मेदार

भैयाथान परिक्षेत्र तरका बैजनाथपुर दर्रीपारा वन क्षेत्र का मामला।
डिप्टी रेंजर साहब कभी ऐसी से बाहर निकलिए आपके डकैत वनरक्षक ही भक्षक बन ठुड़ मैं तब्दील कर दे रहा है जंगल
लकड़ी तस्करों से है वन विभाग के कर्मचारीयो का साथ गांठ
भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:- जंगल और पर्यावरण को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की और से वनों को बचाने के लिए बातें तो बहुत करती है पर सरकार की कोशिशें के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और है, वन विभाग में पदस्थ अधिकारी अपने अपने एसी लगी ऑफिस में बैठकर अपनी नैतिक जिम्मेदारियां का निर्वहन कर लेते हैं , किंतु वन विभाग परिक्षेत्र में तैनात वन प्रहरी स्वार्थ में वसीभूत होने की वजह से अपनी जिम्मेदारियो का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं, और ना ही किसी पर कार्यवाही कर पा रहे हैं , ऐसा लगता है हालात देखकर कि जैसे इन्होने कसम खा ली है प्रकृति के खिलवाड़ करने वालों को संरक्षण देने की , अगर यही हालात आगे भी जारी रही तो थोड़ा बहुत पेड़ बचे हुए हैं वह भी इनके स्वार्थ के भेंट चढ़ जाएंगे। लेकिन इनके स्वार्थ की पूर्ति कभी नहीं हो पाएगी क्योंकि रक्षक की भक्षक बने हुए हैं वन परिक्षेत्र की मिट्टी और पत्थर तो बिक्र ही रहा है लेकिन अब पेड़ों का भी नंबर लग चुका है क्योंकि जिस तरह से वन परिक्षेत्र में पेड़ों की कटाई चल रही है उसे देखकर लगता है कि वह दिन भी दूर नहीं जब सिर्फ जंगलों के नाम रह जाएगा और जंगल खत्म हो जाएंगे, बड़े-बड़े विशाल काय मोटी लकडियों को धरासाई किया जा रहा है, यह सब उनके संरक्षण में हो रहा है जिन्हें वनों की रक्षा के लिए वनरक्षक के रूप में तैनात किया गया है और उनकी जिम्मेदारी बनती की रक्षा करने की लेकिन इन वन रक्षकों की मिली भगत से अंधाधुध लड़कियों की कटाई हो रही है।

भैयाथान परिक्षेत्र तरका बैजनाथपुर जंगल में अंधाधुंध कटाई विभाग मोन और समिति निष्क्रिय।
बेरोक-टोक जंगल से पेड़ काटे जा रहे हैं , जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है एवं विभाग जिम्मेदार कर्मचारियों की घोर लापरवाही से वनों की कटाई अंधाधुन की जा रही है जिससे दिन-ब-दिन जंगल नष्ट हो रही है विभाग की लापरवाही व समिति का ध्यान न होने से वन जंगल वीरान होते जा रही है केंद्र सरकार द्वारा उज्ज्वला योजना से गैस देने के बावजूद भी वनों पेड़ों की कटाई में कोई कमी नहीं है इसका प्रमुख कारण महंगा गैस भी हो सकती है और दूसरा कारण विभाग की लापरवाही भैयाथान परिक्षेत्र में तरका बैजनाथपुर दर्रीपारा के अंतर्गत वन्य क्षेत्र में लगे कर्मचारी वनों की देखरेख करने कभी कभार आते हैं एवं समिति भी गठित है जो निष्क्रिय है जिसका लाभ लकड़ी माफिया धड़ल्ले से ले रही है ।
वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के संरक्षण में चल रही है पेड़ों की कटाई।
जंगल में रोजाना माफिया के लोग चोरी-छुपे पेड़ों को काट रहे हैं। जिससे जंगल में हरे-भरे पेड़-पौधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। पेड़ों की कटाई के कारण वन परिक्षेत्र कम होता जा रहा है। तीन साल पहले जंगल काफी हरे-भरे हुआ करता था, लेकिन इसमें आज कमी आ चुकी है। खास बात यह है कि इस बात की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को होने के बाद भी वे बेखबर बने हुए हैं। गौरतलब है कि रतवा जंगल से पेड़ों की कटाई लगातार की जा रही है। बेरोक-टोक कटाई के चलते लकड़ी माफिया जंगल में लगातार सक्रिय बने हुए हैं। स्थिति यह है कि जंगल में जगह-जगह पेड़ों लकड़ियां कटी हुई डलीं हैं। क्षेत्र के लोग बताते हैं कि दिन में वन माफिया के लोग जंगल में कटाई करते हैं और जैसे ही रात होती है तो वाहनों पर लकड़ी ले जाकर रातों रात शहर सहित अन्य जगहों पर बेचने के लिए भेज देते हैं। इस तरह जंगल से हर माह लाखों रुपए की लकड़ी काटकर बाहर भेजी जा रही है। एक ओर शासन द्वारा जंगलों की सुरक्षा के लिए वन कर्मचारियों को तैनात किया गया है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी ही वन माफियाओंं से मिलकर जंगलों का सफाया करने में जुटे हुए हैं। यदि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अब भी ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में रतवा इलाके के जंगल की जगह केवल वीरान जगह ही नजर आएगी।

वाहनो से लकड़ी कटाई कर ले जाते हैं लकड़ी माफिया।
क्षेत्र में कर्मचारियों की लापरवाही से वह ड्यूटी न करने से लकड़ी माफिया इतने बेखौल हो चुके हैं कि साइकिल साइकिल के साथ वाहनों से भी लकड़ी माफिया लकड़ी काटकर ले जाते नजर आ रहे हैं इससे पता लगाया जा सकता है कि शासन प्रशासन द्वारा लगाए गए वनकर्मी अपनी ड्यूटी से कितनी सजग है आज जंगलों से लकड़ी की कटाई अगर हो रही है तो इसका मुख्य कारण वनकर्मी अगर वन कर्मी अपने ड्यूटी पर होते तो लकड़ी माफिया मजाल है की एक भी लकड़ी काटकर ले जाते । भैयाथान क्षेत्र में अक्सर साइकिल एवं बाइक से लकड़ी ले जाते हुए दिखाई देते हैं।