क्रेडा विभाग में राजेश सिंह राणा की दबंगई के आरोप, अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोश

रायपुर । विशेष रिपोर्ट
क्रेडा में पदस्थ अधिकारी राजेश सिंह राणा पर लगातार दबंगई और मनमानी के गंभीर आरोप लग रहे हैं। विभाग के कर्मचारियों का आरोप है कि राणा अपनी नियुक्ति के बाद से ही अधीनस्थों को दबावपूर्वक कार्य कराने और अपनी बात न मानने वालों को प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, एक विशेष अधिकारी और कुछ पत्रकारों के साथ मिलकर उन्होंने बार-बार शिकायतें जारी कीं और अधिकारियों के विरुद्ध विशेष जांच की कार्यवाही करवाई। हाल ही में नव-नियुक्त अध्यक्ष भूपेन्द्र सावनी के ऊपर भी आरोप लगाए गए थे, जिससे राज्य सरकार की साख पर बुरा असर पड़ा।
दबंगई का ताजा मामला
कुछ दिन पूर्व हुई डी.पी.सी. (विभागीय पदोन्नति समिति) में भी राणा की दबंगई सामने आई। आरोप है कि उन्होंने अपने चहेते अधिकारियों को लाभ पहुँचाने के लिए दबाव बनाकर कार्रवाई विवरण में हेरफेर किया और समिति के सदस्यों के घर-घर जाकर अपने हस्ताक्षर कराए।
भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों को बढ़ावा
कर्मचारियों का आरोप है कि राणा जिन अधिकारियों के नाम प्रस्तावित कर रहे हैं, उन पर पहले से ही 25 से 30 करोड़ रुपये के गबन और हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं। बीते तीन-चार वर्षों से इन अधिकारियों पर जांच चल रही है और आरोप पत्र भी जारी हो चुके हैं, इसके बावजूद उनके नाम सूची में शामिल किए जा रहे हैं।
वरिष्ठ कर्मचारियों की अनदेखी
विभाग में 20 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत कर्मचारी आज भी पदोन्नति और नियमितीकरण से वंचित हैं। कर्मचारियों का कहना है कि राणा और उनके करीबी अधिकारियों की मनमानी के कारण वफादार और ईमानदार कर्मियों का हक मारा जा रहा है।
कर्मचारियों में असंतोष
इस पूरे प्रकरण से विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर उच्चस्तरीय जांच नहीं हुई तो विभाग की साख और भी गिर जाएगी।
मुख्य बिंदु :
• राजेश सिंह राणा पर दबंगई और प्रताड़ना के आरोप।
• डीपीसी में मनचाहे अधिकारियों को बढ़ावा देने का आरोप।
• भ्रष्टाचार में आरोपित अधिकारियों के नाम सूची में शामिल।
• 20 साल पुराने कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित किया गया।
बड़ी बात
क्रेडा विभाग का मुखिया प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हैं, क्या उनको बदनाम करने की साजिश रची जा रही है या सारा खेल जानने के बौज़ुद खामोश हैं।




