आस्था का केन्द्र मां कुदरगढ़ी देवी धाम महोत्सव अखीर क्यों बन रहा है राजनीति का अखाड़ा

नियम विरुद्ध कार्य को सह देने वाले ऐसे लोग कुदरगढ ट्रस्ट में सदस्य क्यों?
भारत सम्मान/सूरजपुर/फिरोज खान:-जिले के ओडगी ब्लॉक मुख्यालय के सुप्रसिद्ध देवी धाम कुदरगढ़ में इन दोनों अजीबोगरीब घटना सामने देखने-सुनने को मिल रहा है हाल ही में हुए नाका से संबंधित एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें सुशील कुमार गुप्ता लिखते है आवेदन कलेक्टर को और कहते हैं कि अनुविभागीय अधिकारी भैयाथान कुदरगढ़ ट्रस्ट द्वारा दो पहिया वाहन का टेंडर गलत तरीके से दुसरे व्यक्ति को दिया गया है जो नियम के विरूद्ध है।
क्या बैठक में लिया गया निर्णय व नियम विरुद्ध दूसरे को दिया गया आदेश ?
21/03/2025 को 1 बजे कुदरगढ़ दो पहिया वाहन का निबिदा बंद लिफाफा में 2,00101 रूपये प्रस्तुत किया गया दुसरा कोई व्यक्ति फॉर्म नहीं डाले थे ट्रस्ट के द्वारा बोला गया कि अगले मिंटिंग में इस पे विचार किया जायेगा 26/03/2025 को ट्रस्ट के मिंटिंग मे सभी ट्रस्टीयों के कहने पर पूर्व में रहे लोक न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष भीमसेन अग्रवाल के मार्ग दर्शन पर 2,11,000 दो लाख ग्यारह हजार रूपये में दो पहिया वाहन का टेंडर दिया गया जिसका भुगतान 2,06,000 दो लाख छः हजार रूपये 27/03/2025 को ग्रामीण बैंक में ट्रस्ट के खाते में जमा कर के पावती ट्रस्ट में जमा किया गया 5000 रूपये आमानत राशी 21/03/2025 को किया गया था, दोनो राशी को मिलाकर 2,11,000 दो लाख ग्यारह हजार ट्रस्ट के खाते में जमा किया गया। इसके बावजूद दो पहिया वाहन का आदेश न देकर किसी दुसरे व्यक्ति को दिया गया जो ट्रस्ट एवं नियम के विरूद्ध है।ऐसे व्यक्ति के हाथों में नाका का बागड़ोर क्यों जिसने कुदरगढ में किया था चोरी?

ऐसे व्यक्ति के हाथों में नाका का बागड़ोर क्यों जिसने कुदरगढ में किया था चोरी?
देवी धाम स्थल कुदरगढ़ में ऐसे लोगों को ट्रस्ट का सदस्य बना करके रखा गया है जो कुदरगढ़ में रहकर के कुदरगढ़ में हो रहे निर्माण काम पर चोरी का आरोप लगा हुआ है, जो व्यक्ति वर्ष 2013 में ट्रस्ट के निर्माण के समय सामुदायिक भवन का खिड़की दरवाजा चैनल गेट इत्यादि का चोरी किया गया था जिसकी रिपोर्ट अमित ताम्रकार उप अभियंता द्वारा पुलिस थाने में की गई जिसमें आरोपी नरेश कुमार जायसवाल द्वारा खुद ही पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल किया गया था इसके पश्चात 380,406 आईपीसी की धारा के तहत न्यायालय द्वारा जेल भेजा गया लगभग 45 दिन जेल में रहने के पश्चात आरोपी को जमानत मिली थी।जुर्म करके भी ट्रस्ट का आजीवन सदस्य कैसे?

जुर्म करके भी ट्रस्ट का आजीवन सदस्य कैसे?
चोरी जैसे जुर्म करने के बाद भी कुदरगढ़ के ट्रस्ट में आजीवन सदस्य के रूप में अभी भी पड़े हुए हैं अब समझ में यह नहीं आता विभाग मेहरबान है या फिर राजनीतिक रसूख रखते है इसलिए इनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं किया गया है जबकि आरोप सिद्ध हो चुका है आरोपी जेल जा चुका है फिर भी ऐसे लोगों पर ट्रस्ट अपना भरोसा कैसे जाता सकता है यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।

कुछ सवाल, जो सवाल ही बने हुए है जिसका उत्तर कब मिलेगा ?
विभाग की अधिकारी के टेंडर तारीख समय के बाद अचानक किसी और व्यक्ति को नाका क्यों दिया जा रहा है ?, कुदरगढ़ देवी धाम जैसे स्थान पर नेतागिरी करना पूर्व गृह मंत्री को शोभा देता है क्या ?, एक व्यक्ति ही जब टेंडर डाला था तो किसके पहुंच के द्वारा दूसरे व्यक्ति को टेंडर मिला और कैसे ? इससे पूर्व में भी जितने भी ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे उन्होंने इस प्रकार का काम नहीं किया फिर अब क्यों हो रहा है, जो नियम कानून को ताक में रखकर कर रहे है कार्यों को निष्पादन ?