एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रधान आरक्षक ने पुलिस वालों पर जुआ प्रकरण में फसाने का लगाया आरोप
जब पुलिस पर पुलिस आरोप लगा रही है तो आम जनता का क्या होता होगा?
भारत सम्मान/ सुरजपुर/फिरोज खान – जिले में कानून व्यवस्था को लेकर हमेशा से ही पुलिस प्रशासन सुर्खियों में रहती है हमेशा ही पुलिस प्रशासन पर आरोप प्रत्यारोप लगते ही रहता हैं लेकिन सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर थाना में अनोखा मामला प्रकाश में आया है जिसमें पुलिस एसीबी के प्रधान आरक्षक को योजना बद्ध तरीके से जुआ खेलने के झूठी प्रकरण में फसाने का आरोप लग रहा हैं।
आईजी और एसपी से हुई शिकायत निष्पक्ष जांच की मांग
जानकारी के अनुसार विश्रामपुर थाना क्षेत्रांतर्गत करंजी चौकी व बिश्रामपुर के संयुक्त टीम द्वारा पिछले दिनों खोंपा गांव में जुआ खेलने के मामले में गिरफ्तार किए गए एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रधानआरक्षक ने पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज और पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को ज्ञापन दिया है, तथा अपने आप को निर्दोष साबित करते हुए कहा है कि मुझे झूठी प्रकरण में फंसाया जा रहा है तथा आवेदन पर बिंदुवार जांच कर न्याय की गुहार लगाई है, जानकारी के अनुसार एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ सबीउल्ला ख़ान की शिकायत पर पुलिस अधिकारी द्वारा जांच भी शुरू कर दी है।
सबीउल्ला ने आवेदन में लिखा है की योजना बद्ध तरीके से फसाया गया
प्रधान आरक्षक सबीउल्ला खान ने अपने शिकायत पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज एवं पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को दिए गए ज्ञापन में लिखा है कि दिनांक 24/8/2024 को अपने मित्र मोहम्मद हुसैन के साथ ग्राम सलका थाना भटगांव जिला सूरजपुर में उसके मित्र प्रशांत पांडे के पास औपचारिक कार्यक्रम में समय लगभग 8:00 बजे गया हुआ था।
खाना खाने के पश्चात सलका भैयाथान रोड पर सलका से लगभग 1 किलोमीटर दूर पर पक्की सड़क पर मैं अपने वाहन ग्रैंड विटारा में बैठा हुआ था तभी रात्रि समय 11:30 बजे से 12 के बीच कुछ हलचल हुई तथा हल्ला गुल्ला होने लगा यह देखकर मैं उसे घर की तरफ पैदल जाने लगा तथा इस घर के लगभग 50 मीटर दूरी पर मुझे निरीक्षक एलरिक लकड़ा थाना प्रभारी विश्रामपुर मिले और मुझसे पूछा कि खान तुम यहां क्या कर रहें हो तो मैं कहा कि अपने मित्र हुसैन के साथ आया हूं तभी निरिक्षक एलरिक लकड़ा ने साथ चलने को कहा तब मैं उनके साथ उस घर की ओर चलने लगा तभी घर के पास पहुंचने पर प्रधान आरक्षक हरविंदर सिंह व विकास सिंह ने मुझे धक्का मुक्की करते हुए कमरे के अंदर ले गए जबरन मेरी तलाशी ली गई ओर मेरा पैन्ट का जेब को फाड़ दिए साथ ही मेरा पर्स व मेरे कार की चाबी ले लिए जहां कुछ और लोग बैठे हुए थे उनके बीच मुझे बैठाकर मेरा वीडियो बनाने लगे जबरन मुझे अपने कार में बैठकर विश्रामपुर थाने ले आए जहां थाने में मोजुद स्टाफ के द्वारा मुझे बोला गया कि तुम लोग दो माह पूर्व माधव सिंह को पकड़े थे ना उसी का सजा भुगतो ओर मेरे ऊपर सोची समझी साजिस के तहत जुवा एक्ट में फंसा दिया गया।
सबीउल्ला ने यह भी लिखा है की एसीबी की टीम ने करीब दो मह पूर्व रामानुजनगर थाने में ट्रेप कार्यवाही करते हुए सहायक उप निरीक्षक माधव सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था उस टीम में वह भी शामिल था इस दुर्भावनावश मुझे जुए के प्रकरण में झूठा फसाया जा रहा है शिकायत में उसने घटना समय की मोबाइल टावर लोकेशन की जांच करने की मांग की है साथ ही उसने आरोप लगाया है कि जुए के फड में रकम भी दर्शाइ गई है और जब घटनास्थल पर आरोपितों की गिरफ्तारी दर्शाते हुए जुआरियों को मुचलके पर रिहा करना बताया गया है उस समय पुलिस ने उसे जबरन विश्रामपुर थाने में बैठा रखा था जो उस दिन के शाम थाने की सीसीटीवी फुटेज की जांच में स्पष्ट हो जाएगा।
सबदुल्लाह के बातों में कितना है सच्चाई जांच से होगा खुलासा…
सबदुल्ला के बातों में कितना है सच्चाई इसके प्रमाण के लिए घटना/ दिनांक/समय/ मोबाइल लोकेशन/ टावर तथा विश्रामपुर थाना के सीसी टीवी कैमरा के फुटेज एवं हम गवाह साक्षीगण तथा पुलिस की संयुक्त टिम का भी घटना दिनांक समय का भी मोबाइल/ टावर लोकेशन का जांच होने पर सत्यता की पुष्टि की जा सकती है। सत्य हमेशा अकेले रहता है जबकि सच के मुकाबले झूठ को तमाम चीजों का सहारा लेना पड़ता है लेकिन अंत में विजय सत्य की ही होती है अब इस पूरे मामले में देखना है यह है कि सबदुला कितना सच बोल रहा है या पुलिस बदले की भावना से द्ववेश पूर्ण कार्यवाही की है इन बातों की खुलासा जांच के बाद ही हो सकता है, क्या सबीउल्ला के शिकायत पर पुलिस गंभीरता से बिदुवार जांच करेगी या शिकायत को कागज के पन्नों में दफन कर दी जायेगी, ये तो वक्त बतायेगा।