नही थम रहा रेत का अवैध कारोबार।सोशल मीडिया में वायरल वीडियो बटोर रहा सुर्खियां…

भारत सम्मान न्यूज़। इन्द्रपाल यादव अनूपपुर ब्यूरो : बिजुरी थाना क्षेत्रांतर्गत सुनहरी रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन कारोबार बदस्तूर जारी है। जिला खनिज विभाग एवं स्थानीय बिजुरी पुलिस द्वारा थानाक्षेत्र अन्तर्गत रेत के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने कि चाहे जितना भी दावा कर, स्वयं का पीठ खुद ही थपथपा लें। किन्तु वास्तविकता के चश्में से अगर निहारा जाए तो मालुमात होता है कि 30 जून मध्यरात्रि पश्चात से रात के अंधियारों में बेखौफ परिवहन करने वाली अवैध रेतों से भरी वाहनें। अब 01 अक्टूबर से दिन के उजालों में भी बेखौफ परिवहन करने लगे हैं।

सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो : शुक्रवार 04 अक्टूबर कि सुबह थानाक्षेत्र कि सड़कों में रेत का परिवहन करने दौरान स्थानीय किसी शख्स द्वारा उक्त वाहन का वीडियो बनाकर पोष्ट कर दिया गया। जिसके बाद से वीडियो अब तेजी से वायरल होने लगा है। वहीं थानाक्षेत्र में बिजुरी पुलिस द्वारा की जा रही तरह-तरह के खोखले दावों पर लोगों कि प्रतिक्रियाएं भी तरह-तरह का रूप अख्तियार कर नगर भर में सुर्खियां बटोर रहा है। जिसे सकारात्मक दृष्टिकोण से खनिज एवं पुलिस अमला के लिए कदापि उचित नही कहा जा सकता है।
खोखले दावों पर उठने लगे सवाल : एक तरफ बिजुरी पुलिस द्वारा थानाक्षेत्र में जहां सभी तरह के अपराधों पर अंकुश लगाकर कानून व्यवस्था को स्थापित करने कि बात कही जाती है। वहीं दूसरी तरफ नगर कि गलियों में बेखौफ दौड़ती रेत से भरी गाड़ियों सहित भिन्न-भिन्न संचालित अवैध कारोबार इनके दावों को खोखला साबित कर रहा है। जिससे इनके कर्तव्य परायणता पर भी गम्भीर सवाल उत्पन्न हो रहे हैं।
जिला प्रशासन को लेना चाहिए संज्ञान : स्थानीय पुलिस प्रशासन के दावों के बाद भी थानाक्षेत्र में जिस गति के साथ अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। उससे अब क्षेत्रीय लोगों को भी यकीन हो चला है। कि थानाक्षेत्र में बढ़ते अपराधों के ग्राफ पर अंकुश लगाना स्थानीय प्रशासन के बूते कि बात नही है। लिहाजा आम नागरिक एवं पुलिस अमला के मध्य स्थापित तालमेल व विश्वसनीयता धीरे-धीरे ठण्डे बस्ते में पड़ने लगा है। जिलाक्षेत्र के कानून-व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने कि जिम्मेदारी उठाने वाले उच्च अधिकारियों द्वारा समय रहते अगर ठोस कदम नही उठाया गया। तो निश्चिततौर पर इसे प्रदेश सरकार के निष्पक्ष कार्यप्रणाली व्यवस्था पर कुठाराघात माना जाएगा। वहीं दोहरी प्रशासनिक कार्यशैली पर लोगों में उपजता अविश्वसनीयता का ग्राफ भी धीरे-धीरे गिरते हुए। प्रशासन एवं आमजनमानस के मध्य पूरी तरह से दूरियां पैदा कर देगा।