पाँच वर्षीय मासूम के साथ दरिंदगी: अबोध को नोच डाला, समाज सिर झुकाए खड़ा

रायपुर/सुरजपुर – 5 नवंबर 2025: छत्तीसगढ़ के सुरजपुर जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना घटी है, जो मानवता को शर्मसार कर देने वाली है। मात्र पाँच वर्ष की एक नन्हीं बच्ची के साथ एक 21 वर्षीय युवक ने घिनौना अपराध किया। यह घटना न केवल एक परिवार को विखंडित कर गई, बल्कि पूरे समाज की संवेदनाओं को झकझोर दिया। बच्ची की चीखें गांव की गलियों में गूंजीं, लेकिन वह दरिंदा उसके मुँह को दबाकर चुप कराने पर तुला रहा। ग्रामीणों की सतर्कता से अपराधी पकड़ा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना की भयावहता: खेलते-खेलते घर से गायब हुई मासूम
सोमवार दोपहर का वक्त था। प्रतापपुर के शांतिनगर इलाके में रहने वाली पाँच वर्षीय झिनकी (काल्पनिक नाम) अपनी दैनिक दिनचर्या निभा रही थी। स्कूल से लौटकर वह घर के आंगन में मासूमियत भरी खिलखिलाहट के साथ खेल रही थी। उसके माता-पिता खेतों में श्रमरत थे, जो इस ग्रामीण इलाके की सामान्य जीवनशैली का हिस्सा है। इसी बीच, पड़ोस में रहने वाला रोशन टोप्पो (21 वर्ष) ने मौका ताड़ा।
रोशन ने झिनकी को बहला-फुसलाकर अपने घर की ओर ले गया। घर पहुँचते ही उसने दरवाजा बंद कर लिया और बच्ची पर अपनी हैवानियत उतारी। चीखने-चिल्लाने की कोशिश में बच्ची का मुँह दबा दिया गया। थोड़ी देर बाद घर से सिसकियां सुनाई देने लगीं। पड़ोसी महिलाओं ने शक होने पर दरवाजा तोड़ा, तो जो नजारा सामने आया, वह दिल दहला देने वाला था। बच्ची खून से लथपथ पड़ी हुई थी, और अपराधी उसके ऊपर मंडराता हुआ मिला।
गुस्से से भरे ग्रामीणों ने रोशन को पकड़ लिया। पहले तो उन्होंने उसकी जमकर पिटाई की, फिर तुरंत परतापुर थाने में सूचना दी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया और बच्ची को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा।
गंभीर चोटें: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती, हालत स्थिर लेकिन खतरा बरकरार
घटना के तुरंत बाद झिनकी को प्रतापपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। लेकिन उसकी हालत बिगड़ते ही उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का गहन इलाज शुरू किया। AMC के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. रीता सिंह ने बताया, “बच्ची को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें आंतरिक रक्तस्राव और शारीरिक आघात शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में POCSO एक्ट के तहत दर्ज मामले की पुष्टि हुई है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, लेकिन मनोवैज्ञानिक प्रभाव लंबे समय तक रह सकता है। हमारी टीम 24 घंटे निगरानी में है।”
परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। झिनकी की माँ ने रोते हुए कहा, “हमारा बच्चा खेल रहा था, और ये सब हो गया। हम खेत में थे, सोचा नहीं था कि पड़ोसी ही ऐसा सौदा करेगा। भगवान से बस यही दुआ है कि मेरी बेटी ठीक हो जाए।” पिता ने गुस्से में कहा, “ऐसे दरिंदों को फाँसी होनी चाहिए।”
आरोपी की पहचान: 21 वर्षीय रोशन टोप्पो, POCSO और BNS के तहत कार्रवाई
परतापुर थाना प्रभारी अमित कौशिक ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी रोशन टोप्पो, पिता राम किशुन टोप्पो, मूल रूप से जगन्नाथपुर का निवासी है, लेकिन वर्तमान में शांतिनगर (परतापुर) में रहता है। वह बेरोजगार है और स्थानीय स्तर पर जाना-पहचाना चेहरा था।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 65(2) (बलात्कार) और POCSO एक्ट की धारा 4 एवं 6 (बाल यौन शोषण) के तहत मामला दर्ज किया है।
थाना प्रभारी कौशिक ने कहा, “यह अत्यंत घृणित अपराध है। हमने फॉरेंसिक टीम को बुलाया है, जो साक्ष्य संग्रह कर रही है। आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जांच पूरी होने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। पीड़िता को पूर्ण न्याय दिलाने के लिए हम कटिबद्ध हैं।”
प्रारंभिक पूछताछ में रोशन ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस को शक है कि उसके मन में पहले से ही कुचेष्टा थी।
समाज का सवाल: चुप्पी कब तक? बाल सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग
यह घटना सुरजपुर जिले में बाल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। स्थानीय महिला संगठन ‘महिला उत्थान मंच’ की अध्यक्ष सुनीता साहू ने कहा, “हर दिन ऐसी खबरें आ रही हैं। पाँच साल की बच्ची सुरक्षित न रहे, तो समाज कहाँ जा रहा है? हम सरकार से मांग करते हैं कि ग्रामीण इलाकों में बाल हेल्पलाइन को मजबूत किया जाए और स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाए जाएं।”
बाल कल्याण समिति के सदस्य राजेश कुमार ने बताया कि वे परिवार को सहायता प्रदान करेंगे और बच्ची के पुनर्वास के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए विशेष जांच टीम गठित की है।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश पटेल ने चेतावनी दी, “चुप रहना या अनदेखा करना अपराध को बढ़ावा देता है। हमें मिलकर आवाज उठानी होगी। फेसबुक-व्हाट्सएप पर शोक व्यक्त करने से आगे बढ़कर सिस्टम को मजबूत बनाना होगा।”
निष्कर्ष: न्याय की उम्मीद, लेकिन सतर्कता जरूरी
झिनकी की कहानी हर माता-पिता के दिल में डर पैदा कर रही है। यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि अपराध कहीं भी हो सकता है, भले ही पड़ोस में। सरकार, पुलिस और समाज को एकजुट होकर ऐसे जुल्मों को रोकना होगा। कब तक हम चुप रहेंगे? कब तक निर्दोष बच्चियां शिकार होंगी?
सुरजपुर जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही, POCSO कोर्ट में तेजी से सुनवाई की व्यवस्था की जा रही है। उम्मीद है कि न्याय जल्द मिलेगा, और ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
(यह रिपोर्ट स्थानीय स्रोतों और पुलिस बयानों पर आधारित है। पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी गई है।)



